
यदि आपके पास अनजान नंबर से फोन कॉल आए और आपसे जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने के बहाने ओटीपी मांगा जाए, तो किसी भी सूरत में ओटीपी न दें। तत्काल इसकी सूचना पुलिस को भी दें। दरअसल, साइबर अपराधियों ने पेंशनधारकों को निशाना बनाने का नया तरीका अपनाया है। वे पेंशन निदेशालय से जुड़े जीवन प्रमाण पत्र को ऑनलाइन अपडेट करने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने इस संबंध में एडवाइजरी जारी करते हुए पेंशनधारकों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
बीते कुछ दिनों में प्रदेश में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें पेंशनधारी ठगी का शिकार हो गए। दरअसल, साइबर अपराधी खुद को पेंशन कार्यालय या संबंधित विभाग का कर्मचारी बताते हुए पेंशनधारकों को कॉल करते हैं। वे नियुक्ति, सेवानिवृत्ति तिथि, पीपीओ नंबर, आधार कार्ड, पता, मासिक पेंशन और नॉमिनी जैसी जानकारी लेकर जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने का झांसा देते हैं।
इसके बाद रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को साझा करने के लिए कहते हैं। ओटीपी साझा करने पर वे AnyDesk या QuickSupport जैसे ऐप भेजकर मोबाइल या कंप्यूटर का रिमोट एक्सेस ले लेते हैं। इसके बाद पेंशनधारक के बैंक खाते से पूरी राशि फर्जी खातों या वॉलेट में ट्रांसफर कर दी जाती है।
पेंशन निदेशालय कभी भी किसी पेंशनधारक को कॉल करके जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए नहीं कहता।
यह प्रक्रिया केवल अधिकृत ई-मित्र केंद्रों के माध्यम से की जाती है।
किसी अज्ञात व्यक्ति को अपनी बैंक जानकारी, ओटीपी या पेंशन आइडी साझा न करें।
जीवन प्रमाण पत्र केवल अधिकृत वेबसाइट https:// jeevanpramaan. gov. in पर ही जमा करें।
किसी अनजान लिंक या ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसकी सत्यता अवश्य जांचें।
किसी संदिग्ध कॉल पर दबाव या डराने की कोशिश हो तो तुरंत कॉल काट दें
Published on:
29 Oct 2025 11:33 am
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