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मंगलायतन विश्वविद्यालय का 11वां दीक्षांत समारोह: शिक्षा, संस्कृति और कर्तव्यबोध का संगम

मंगलायतन विश्वविद्यालय का 11वां दीक्षांत समारोह उत्साहपूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शिक्षा को सबसे बड़ा धर्म बताते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया।

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मंगलायतन विश्वविद्यालय

मंगलायतन विश्वविद्यालय

मंगलायतन विश्वविद्यालय में 11वां दीक्षांत समारोह पूरे उत्साह और गरिमा के साथ आयोजित किया गया। इस विशेष अवसर पर बिहार के राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। समारोह में विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की गईं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामनाओं के साथ-साथ देश के विकास में भागीदारी निभाने की प्रेरणा भी दी गई।

शिक्षा सबसे बड़ा धर्म है: राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने शिक्षा को समाज सशक्तिकरण का सबसे प्रभावी साधन बताते हुए कहा, "विश्वविद्यालय वही है जहां व्यक्ति का दूसरा जन्म होता है – जहां उसका मानस विस्तारित होता है। यदि यह विस्तार नहीं हुआ, तो आप केवल साक्षर हैं, शिक्षित नहीं।" 

उन्होंने विद्यार्थियों से अपने ज्ञान का उपयोग समाज और मानवता की सेवा में करने का आह्वान किया। उन्होंने गुरु की महत्ता बताते हुए कहा कि माता-पिता और गुरु ही चाहते हैं कि शिष्य उन्हें पीछे छोड़ आगे बढ़े। उन्होंने भारतीय संस्कृति की विविधता, संस्कार और जीवन मूल्यों की सराहना करते हुए कहा कि यही हमारी पहचान और शक्ति है।

कर्तव्यों के प्रति सजगता से बनेगा विकसित भारत: उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय

उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने समारोह में कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए नागरिकों को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अनुशासन और मेहनत ही सफलता की कुंजी है।

उपाधियां और पदक प्रदान

समारोह के दौरान विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों को स्नातक, स्नातकोत्तर, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा, प्रमाणपत्र और पीएचडी उपाधियां प्रदान की गईं। उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 8 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 9 को रजत पदक से सम्मानित किया गया।

कुलपति प्रो. पीके दशोरा ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए विद्यार्थियों को शपथ दिलाई। उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों को साझा किया और शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने पर बल दिया।

विद्यार्थियों की आवाज़

प्रज्ञा शर्मा ने कहा, “यह पुरस्कार केवल मेरी मेहनत का नहीं, परिवार और शिक्षकों के समर्थन का भी प्रतीक है।” कीर्ति गौड़ ने इसे “प्रेरणा का स्रोत” बताया और कहा कि वह अपने ज्ञान का उपयोग समाज को बेहतर बनाने में करेंगी।

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विशेष उपस्थिति

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के चेयरमैन हेमंत गोयल, कुलाधिपति प्रो. अच्युतानंद मिश्र, गुरु ऋषिराज महाराज सहित अनेक गणमान्य अतिथि मंचासीन रहे। समारोह की शुरुआत माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन से हुई, इसके पश्चात कुलगीत की सुंदर प्रस्तुति दी गई। समारोह के दौरान विश्वविद्यालय की स्मारिका का भी विमोचन किया गया।