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RAS Result: जिंदगी की आखिरी सांसें गिन रहे पिता से किया वादा निभाया, पुष्कर की अंकिता पाराशर बनीं RAS 2023 की सेकेंड टॉपर

Who is Ankita Parashar: अंकिता पाराशर की यह सफलता सिर्फ एक रैंक नहीं, बल्कि 11 साल पहले कैंसर से जूझ रहे अपने पिता से किया गया वादा पूरा करने की कहानी है। उन्होंने अपने दिवंगत पिता स्वर्गीय सत्यनारायण पाराशर का सपना साकार कर दिखाया।

3 min read

अजमेर

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Arvind Rao

Oct 16, 2025

Ankita Parashar

RPSC RAS Second Topper Ankita Parashar (Patrika Photo)

Who is Ankita Parashar: अजमेर: राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) परीक्षा 2023 का परिणाम बुधवार रात जारी होते ही पुष्कर में खुशी की लहर दौड़ गई। पुष्कर की बेटी अंकिता पाराशर ने पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान हासिल कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे अजमेर का नाम रोशन किया है।


अंकिता की यह सफलता सिर्फ एक रैंक नहीं, बल्कि 11 साल पहले कैंसर से जूझ रहे अपने पिता से किया गया वादा पूरा करने की कहानी है। उन्होंने अपने दिवंगत पिता स्वर्गीय सत्यनारायण पाराशर का सपना साकार कर दिखाया, जो राजकीय चिकित्सा सेवा में कार्यरत थे और हमेशा चाहते थे कि उनकी बेटी एक प्रशासनिक अधिकारी बने।


चौथे प्रयास में मिली सफलता


अंकिता का यह सफर आसान नहीं था। उन्होंने लगातार चार प्रयास किए। तीसरे प्रयास में वे RAS एलाइड सर्विस में चयनित होकर जयपुर जिले के दूदू में बीडीओ (ग्राम विकास अधिकारी) के रूप में कार्यरत रहीं। नौकरी के साथ उन्होंने पढ़ाई जारी रखी और चौथे प्रयास में वह पूरे राजस्थान में सेकेंड टॉपर बनीं।


अंकिता बताती हैं, कई बार लगा कि अब आगे नहीं बढ़ पाऊंगी, लेकिन पिता से किया वादा हर बार नई ताकत देता था। मैंने हार नहीं मानी, क्योंकि मुझे पता था कि यह केवल मेरी नहीं, मेरे पिता के सपने की लड़ाई है।


बेटी ने पूरा किया पिता का सपना


11 साल पहले जब अंकिता के पिता कैंसर से जूझ रहे थे, तब उन्होंने अपनी बेटी से कहा था कि वह एक दिन RAS अधिकारी बने। उस वक्त अंकिता ने वादा किया था, पापा, मैं आपका सपना जरूर पूरा करूंगी।


आज उनकी सफलता उस वादे की जीत है। अंकिता कहती हैं, यह सिर्फ मेरी सफलता नहीं है, बल्कि मेरे पिता के सपने की पूर्ति है। जब भी थक जाती थी, तो पिता की मुस्कान याद आती थी और मैं फिर से पढ़ाई में जुट जाती थी।


परिवार ने दिया साथ


अंकिता का परिवार उनकी सबसे बड़ी ताकत रहा। उनकी मां मंजू पाराशर, पुष्कर के राजकीय विद्यालय में तृतीय श्रेणी अध्यापिका हैं। भाई विकास पाराशर पुष्कर के सरकारी अस्पताल में कार्यरत हैं। परिवार के सभी सदस्यों ने उन्हें हर कदम पर सहयोग दिया।


अंकिता ने बताया, जब मैं पढ़ाई के लिए समय निकाल नहीं पाती थी, तो मां ने घर की जिम्मेदारी बढ़ाकर मेरा बोझ हल्का किया। भाई हमेशा मोटिवेट करता था। यही पारिवारिक सहयोग मुझे हर कठिन समय में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता रहा।


नौकरी के साथ पढ़ाई कठिन


दूदू में बीडीओ के रूप में कार्य करते हुए अंकिता ने RAS की तैयारी जारी रखी। दिनभर काम करने के बाद रात में पढ़ाई करना, मॉक टेस्ट देना और सीमित समय में खुद को संभालना उनके लिए बड़ा चैलेंज था। लेकिन उन्होंने कहा, जब आप दिल से किसी लक्ष्य को अपनाते हैं, तो थकान भी प्रेरणा में बदल जाती है।


पुष्कर में जश्न का माहौल


जैसे ही RAS परिणाम घोषित हुआ, पुष्कर में अंकिता के घर और मोहल्ले में जश्न शुरू हो गया। लोग ढोल-नगाड़े बजाते हुए उनके घर पहुंचे, मिठाइयां बांटी गईं और आतिशबाजी से पूरा इलाका गूंज उठा। हर किसी के चेहरे पर गर्व और खुशी झलक रही थी।


लड़कियों के लिए प्रेरणा और सशक्तिकरण की मिसाल


अंकिता पाराशर की सफलता महिला सशक्तिकरण की भी एक बड़ी मिसाल है। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो और परिवार का साथ मिले, तो कोई बाधा बड़ी नहीं होती। वो कहती हैं, मैं चाहती हूं कि लड़कियां अपने सपनों को छोटा न समझें। चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन हों, अगर दिल से ठान लें तो रास्ते खुद बन जाते हैं।


अंकिता पाराशर की कहानी सिर्फ एक परीक्षा पास करने की कहानी नहीं, बल्कि संघर्ष, समर्पण और संकल्प से सपनों को साकार करने की जीवंत मिसाल है। पुष्कर की यह बेटी आज पूरे राजस्थान की प्रेरणा बन गई है। उस वादे की मिसाल, जो एक बेटी ने अपने पिता से किया था और निभाकर दिखाया।