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अजमेर दरगाह-संकट मोचन महादेव विवाद में नया मोड़, कोर्ट में एक और अर्जी दाखिल; जानें क्या है नई डिमांड

Ajmer Dargah Case: राजस्थान के अजमेर जिले में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की प्रसिद्ध दरगाह और संकट मोचन महादेव मंदिर को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर चर्चा में है।

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Ajmer Dargah

फोटो - पत्रिका नेटवर्क

Ajmer Dargah Case: राजस्थान के अजमेर जिले में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की प्रसिद्ध दरगाह और संकट मोचन महादेव मंदिर को लेकर चल रहा विवाद एक बार फिर चर्चा में है। अजमेर की सिविल पश्चिम कोर्ट संख्या प्रथम में हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने एक नई अर्जी दायर की है। इस अर्जी में उन्होंने दरगाह के उस क्षेत्र को तुरंत सील करने और वहां सीसीटीवी कैमरे लगाने की मांग की है, जहां संकट मोचन महादेव मंदिर होने का दावा किया गया है।

विष्णु गुप्ता का कहना है कि इस क्षेत्र में हो रही गतिविधियों से महत्वपूर्ण साक्ष्य नष्ट होने का खतरा है, जो मामले की निष्पक्ष जांच को प्रभावित कर सकता है। इस अर्जी ने मामले को और संवेदनशील बना दिया है, जिसकी अगली सुनवाई 17 अक्टूबर 2025 को होगी।

अर्जी में क्या है मांग?

विष्णु गुप्ता ने अपनी अर्जी में कोर्ट से मांग की है कि दरगाह के उस हिस्से को सील किया जाए, जहां भगवान शिव का चित्र दीवार पर अंकित है और शिवलिंग सहित अन्य साक्ष्य मौजूद होने का दावा किया गया है। इसके साथ ही, उन्होंने इस क्षेत्र की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की भी मांग की है।

गुप्ता का कहना है कि यह कदम इसलिए जरूरी है ताकि विवादित स्थल पर किसी भी तरह की छेड़छाड़ या साक्ष्यों को नष्ट करने की कोशिश को रोका जा सके। उन्होंने दरगाह कमेटी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि कमेटी निर्माण और मरम्मत के नाम पर साक्ष्य मिटाने की कोशिश कर रही है।

क्या है पूरा विवाद?

बता दें, यह विवाद सितंबर 2024 में तब शुरू हुआ, जब विष्णु गुप्ता ने अजमेर की सिविल कोर्ट पश्चिम में एक याचिका दायर कर दावा किया कि अजमेर दरगाह के परिसर में संकट मोचन महादेव मंदिर मौजूद है। इस याचिका में दरगाह कमेटी ख्वाजा गरीब नवाज, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय और एएसआई को पक्षकार बनाया गया था।

याचिका में दावा किया गया कि दरगाह के निचले हिस्से में शिवलिंग और भगवान शिव का चित्र मौजूद है, जो मंदिर के अस्तित्व का प्रमाण है। इस मामले में एक दर्जन से अधिक संगठनों और व्यक्तियों ने कोर्ट में धारा 1/10 के तहत पक्षकार बनने के लिए अर्जियां दायर की थीं। यह मामला वर्तमान में कोर्ट में विचाराधीन है।

दरगाह कमेटी पर गंभीर आरोप

विष्णु गुप्ता ने अपनी ताजा अर्जी में दरगाह कमेटी पर साक्ष्य नष्ट करने का गंभीर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि कमेटी द्वारा विवादित क्षेत्र में निर्माण कार्य और मरम्मत के नाम पर ऐतिहासिक साक्ष्यों को मिटाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके। गुप्ता ने चेतावनी दी कि यदि क्षेत्र को जल्द सील नहीं किया गया, तो साक्ष्य नष्ट होने से केस जटिल हो सकता है।