Shami Pujan Vidhi On Dussehra: धार्मिक ग्रंथों के अनुसार विजया दशमी के दिन शाम के समय शमी वृक्ष का पूजन करना चाहिए। अगर आपका काम यात्राओं से जुड़ा है तो नगर के बाहर जाकर ईशानकोण में शमी वृक्ष का पूजन करें, इससे साल भर यात्राओं में लाभ मिलता है। शमी वृक्ष का पूजन करने से आरोग्य और धन मिलता है। बाधा समाप्त होती है और हर काम में सफलता मिलेगी।
1. नवग्रह, मातृ का मण्डल और अष्टदल बनाएं।
2. कलश स्थापना कर गणेशजी और अन्य देवताओं की पूजा करें।
3. फिर शमी वृक्ष के मूल में खनन करें (अस्त्र और लोह दण्ड से खनन न करें) और वहां स्वर्ण शलाका, तंडुल, पूंगीफल स्थापित करें, पूजन करें। मौली (कलावा) से वस्त्र को शमी वृक्ष में बंधन (लपेटे) करें।
यात्रायां विजय सिद्धयर्थं वास्तु दिक्पाल पूजन मार्गदेवता, शमी पूजन अपराजिता पूजनं चाहं करिष्ये ।
अमंगलानां शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च ।
दुःस्वप्न प्रनाशिनीं धन्यां प्रपदयेहं शमीं शुभाम् ।
ॐ अपराजितायै नमः दक्षिणे ।
ॐ क्रियायै नमः वामे ।
ॐ शमी देवतायै नमः ।
शमीशमय में पापं शमी लोहित कंटका ।
धारिण्यर्जुन बाणानां रामस्य प्रियवादिनी ॥
करिष्यमाण यात्रायां यथा काल सुखं मया ।
तत्र निर्विघ्न कर्त्रीत्त्व भव श्री राम पूजिता ।
आसिंचिता मयादेवि सदा शांतिं प्रयच्छमे ।
8. इसके बाद आपोहिष्ठा से शांति व पुण्यावाचन करें।
ॐ अपोहिष्ठा मयोभुवः ता न ऊर्जे दधातन ।
महेराणाय चक्षसे।
योवः शिवतमो रसः तस्य भजायते हनः उष्टैरिव मातरः ।
तस्मा अरङ्ग मामवः यस्य क्षयाय जिन्वथ ॥
आपोजन्यथा च नः ॥
9. अब चढ़ाए हुए मौली को हाथ में बांधें (रक्षा बंधन) करें।
शनिवार को शमी का पौधा उत्तर दिशा में लगाएं और उसके बाद तांबे के लोटे में जल लेकर उसमें लाल चंदन डालकर ऊं नम: शिवाय मंत्र का जप करते हुए शमी के पेड़ की जड़ में चढ़ाएं। ऐसा लगातार करते रहने से आपको शीघ्र ही अच्छी नौकरी पाने में सफलता मिलेगी।
Updated on:
12 Oct 2024 06:03 pm
Published on:
12 Oct 2024 06:02 pm