US Tarrifs on india Trade: डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ (US Tarrifs on india Trade) के माध्यम से व्यापारिक साझेदारों को दबाने और विदेशी कंपनियों को अमेरिका में आने के लिए मजबूर करने के लिए अमेरिकी आर्थिक शक्ति का लाभ उठाने की कोशिश कर के वैश्विक अर्थव्यवस्था उलट दी है। उन्होंने नई दिल्ली पर टैरिफ (US tariffs on India) की घोषणा करने के बाद कहा कि उन्होंने पाकिस्तान ( Pakistan) के साथ समझौता कर लिया है। ध्यान रहे कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald trump) ने भारत से आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ और "जुर्माना" लगाने की घोषणा की है, जबकि उनके प्रशासन ने पाकिस्तान के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत वाशिंगटन दक्षिण एशियाई देश का तेल भंडार विकसित करने के लिए इस्लामाबाद के साथ मिलकर काम करेगा।
ट्रंप ने बुधवार को कहा कि भारत से आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। साथ ही नई दिल्ली की ओर से रूसी हथियारों और ऊर्जा की खरीद पर एक अनिर्दिष्ट "जुर्माना" भी लगाया जाएगा। ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा कि ये उपाय 1 अगस्त से लागू होंगे। साथ ही कई अन्य टैरिफ में बढ़ोतरी भी होंगी और कुछ में 50 प्रतिशत तक का इजाफा होगा।
अरबपति रिपब्लिकन ने बाद में भारत को अपना "मित्र" बताते हुए कहा कि वाशिंगटन अभी भी नई दिल्ली के साथ बातचीत कर रहा है और इस हफ़्ते के अंत तक स्थिति और स्पष्ट हो जाएगी। ट्रंप ने कहा, "उनके यहाँ अभी दुनिया में सबसे ज़्यादा टैरिफ़ हैं, और वे इसमें काफ़ी कटौती करने के लिए तैयार हैं… हम अभी भारत से बात कर रहे हैं - देखते हैं क्या होता है… आपको इस हफ़्ते के अंत तक पता चल जाएगा।"
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पोस्ट में लिखा, "हालांकि भारत हमारा मित्र है, लेकिन हमने पिछले कुछ बरसों में उनके साथ अपेक्षाकृत कम व्यापार किया है, क्योंकि उनके टैरिफ बहुत अधिक हैं, जो विश्व में सबसे अधिक हैं, और उनके पास किसी भी देश की तुलना में सबसे कठोर और अप्रिय गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाएं हैं…उन्होंने हमेशा अपने सैन्य उपकरणों का एक बड़ा हिस्सा रूस से खरीदा है, और वे चीन के साथ रूस के सबसे बड़े ऊर्जा खरीदार हैं, वह भी ऐसे समय में जब हर कोई चाहता है कि रूस यूक्रेन में हत्याएं बंद करे - सभी चीजें अच्छी नहीं हैं।"
अब भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ का यह आँकड़ा अन्य प्रमुख व्यापारिक साझेदारों की तुलना में भारत को और भी ज़्यादा गंभीर रूप से चिन्हित करेगा, और दोनों देशों के बीच महीनों से चल रही बातचीत विफल करने का ख़तरा पैदा करेगा, जिससे वाशिंगटन के एक रणनीतिक साझेदार और चीन के प्रतिकारक देश की छवि कमज़ोर होगी। व्हाइट हाउस ने पहले ही भारत को उसके उच्च औसत लागू शुल्कों के बारे में चेतावनी दी थी।
Updated on:
31 Jul 2025 03:27 pm
Published on:
31 Jul 2025 03:26 pm