Ring of Fire earthquake tsunami risk: पैसिफिक बैल्ट को रिंग ऑफ फायर कहते हैं। प्रमुख टेक्टोनिक प्लेटों के मिलन स्थल की स्थिति में है। यह बेल्ट विश्व के लगभग 90% भूकंप और अधिकांश सक्रिय ज्वालामुखियों के लिए जिम्मेदार है। इसके चलते यह पृथ्वी का सबसे चिंताजनक भूकंपीय क्षेत्र माना जाता है। भूगर्भ विशेषज्ञों के अनुसार यह प्रशांत महासागर के किनारों पर फैला एक विशाल आर्क‑आकार का तनाव ज़ोन है, जहां प्लेट टेक्टोनिक्स की गतिविधि तेज होती है। इस क्षेत्र में टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे के नीचे धॅसने (subduction) के कारण विस्फोटक ज्वालामुखी और भूकंपीय गतिविधियां होती हैं। यह बैल्ट लगभग 40,000 किमी लंबी और 500 किमी चौड़ा है। दुनिया भर के भूकंपीय देशों को सतर्कता बरतने की जरूरत बढ़ गई है।
भूगर्भविदों के मुताबिक दुनिया भर के लगभग 90% भूकंप इसी बैल्ट में आते हैं, जिसमें सबसे तीव्र भूकंप भी शामिल हैं। लगभग 75% सक्रिय ज्वालामुखी भी यहीं पर पाए जाते हैं, यानि विश्व के कुल सक्रिय ज्वालामुखियों का तीन‑चतुर्थांश इसी क्षेत्र में है।
क्षेत्र | देशों की सूची |
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उत्तर एवं मध्य अमेरिका | USA (अलास्का), कनाडा, मेक्सिको, ग्वाटेमाला, होंडुरास, निकारागुए, कोस्टा रिका, पनामा। |
दक्षिण अमेरिका | चिली, पेरू, इक्वाडोर, कोलंबिया। |
एशिया–प्रशांत क्षेत्र | रूस (कामचात्का), जापान, फिलीपींस, इंडोनेशिया, ताइवान, पापुआ न्यू गिनी, सोलोमन ।आइलैंड्स, वानुअतु, न्यूज़ीलैंड |
समीपवर्ती क्षेत्र | कुछ वैज्ञानिक अंटार्कटिक प्रायद्वीप और इंडोनेशियाई पश्चिमी द्वीपसमूह को शामिल भी मानते हैं । |
रूस के कामचात्का प्रायद्वीप से लगभग 8.8 मैग्नीट्यूड का भूकंप आया, जिसकी गहराई लगभग 20.7 किमी थी। इसका केंद्र पेट्रोपावलोव्स्क-कामचत्स्की (Petropavlovsk-Kamchatsky) शहर से लगभग 119 किमी दूर था, जिसकी आबादी लगभग 1.8 लाख है।
इस भूकंप ने 3-4 मीटर ऊँचे सुनामी तरंगों को जन्म दिया, जिससे रूस के कुरील द्वीप समूह (Kuril Islands of Russia), जापान की तटरेखाएँ, हवाई और अधिकांश यूएस पश्चिमी तट पर अलर्ट जारी किया गया है। रिंग ऑफ फायर पृथ्वी की सबसे सक्रिय भूकंपीय और ज्वालामुखीय बैल्ट है, जिसमें सबसे तीव्र भूकंप आते हैं। हालिया 8.8 तीव्रता का भूकंप और उसके बाद सुनामी अलर्ट ने दिखाया कि यह क्षेत्र कितनी बड़ी प्राकृतिक खतरों का केंद्र है। रिंग में आने वाले देश आए दिन अलर्ट मोड में रहते हैं और आपदा प्रबंधन के लिए सतर्क हैं।
जापान में 9 लाख से अधिक लोगों को निकासी क्षेत्र evacuation zone में रखा गया, जहां 30–40 सेमी की लहरें देखी गईं। संयुक्त राज्य अमेरिका (अलास्का, कैलिफोर्निया, हवाई) और पेसिफिक द्वीपों में व्यापक सुनामी चेतावनियाँ जारी की गईं।
भूकंप की वजह से 3–4 मीटर ऊँची सुनामी तरंगें बनकर किनारे पहुँचीं, खासकर सेवेरो-कुरिल्स्क Severo-Kurilsk और कामचात्का ( Kamchatka) क्षेत्र में पहुंची हैं। सरकार ने तत्काल रीड अलर्ट जारी किया और करीब 2 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है।
यह 8.8 तीव्रता का भूकंप हमें याद दिलाता है कि रिंग ऑफ फायर कितना शक्तिशाली और खतरनाक हो सकता है। जाने-माने देशों में फैली यह दिशा, भूकंप व सुनामी की संभावनाओं को लगातार जिंदा रखती है।
सुदूर पूर्वी रूस के कामचटका प्रायद्वीप में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप ने 16 फीट ऊंची सुनामी लहरें पैदा कीं, जो हवाई, अमेरिकी तटों और कैलिफोर्निया तक पहुंच गईं। इसके कारण इक्वाडोर, इंडोनेशिया, पेरू, कोलंबिया और जापान में भी सुनामी चेतावनी जारी की गई।
भूकंप तब होता है जब पृथ्वी की टेक्टोनिक प्लेटें एक-दूसरे के नीचे से खिसकती हैं और जमा ऊर्जा अचानक मुक्त होती है। सुनामी तब बनती है जब यह भूकंप समुद्र के नीचे उथली गहराई पर होता है, जिससे समुद्र तल विस्थापित होता है। कामचटका भूकंप इसी वजह से इतनी शक्तिशाली सुनामी लहरें बना सका।
क्या आगामी महीनों में रिंग ऑफ फायर में फिर कोई बड़ा ख़तरा उठने वाला है? क्या प्रभावित देशों में सुनामी रोधी दीवारों, ज़्यादा मजबूत आपदा तंत्र और जागरूकता अभियान की शुरुआत होगी ?
बहरहाल भूकंप और सुनामी केवल प्राकृतिक आपदा नहीं हैं, इनके बाद इंफ्रास्ट्रक्चर, संचार व्यवस्था, बिजली आपूर्ति और कृषि नुकसान जैसी गंभीर चुनौतियाँ सामने आती हैं। यह समय है कि आपदा तैयारी सिर्फ चेतावनी तक सीमित न रहे।
Published on:
30 Jul 2025 07:22 pm