PTI leaders conviction: पाकिस्तान की एक एंटी-टेररिज्म कोर्ट (ATC) ने 23 जुलाई को इमरान खान ( Imran khan) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कई वरिष्ठ नेताओं को 10 साल की सजा (PTI leaders conviction)सुनाई। यह सजा 9 मई, 2023 को हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों (May 9 riots Pakistan) के मामले में दी गई। पार्टी के अनुसार, यह फैसला न्याय के खिलाफ है। PTI अध्यक्ष बॅरिस्टर गोहर अली खान ने इस फैसले को "न्यायपालिका की विवादित निर्णयों की एक और कड़ी" बताया। उन्होंने कहा कि इन नेताओं को बिना उचित प्रक्रिया के दोषी ठहराया गया है। पार्टी अब इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी।
PTI नेता और वरिष्ठ वकील बाबर अवान ने कहा कि ये सजा सिर्फ इसलिए दी गई क्योंकि नेताओं ने अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाई। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना कोई आतंकवाद नहीं है और पूर्व गवर्नर या विदेश मंत्री को आतंकवादी कहना गलत है।
एक और पार्टी नेता सलमान अकबर राजा ने इस फैसले को "न्याय का मज़ाक" और "लोकतंत्र पर हमला" बताया। उन्होंने कहा कि देश की जनता को अब तय करना होगा कि क्या यह दमनकारी व्यवस्था जारी रहेगी या कानून का शासन स्थापित होगा।
PTI की ओर से कोर्ट के फैसले को लेकर तीखी प्रतिक्रिया सामने आई है। पार्टी का कहना है कि ये फैसला कानून नहीं बल्कि राजनीतिक दबाव के तहत लिया गया है। इमरान खान की पार्टी ने इस फैसले को “लोकतंत्र और निष्पक्ष न्याय प्रणाली पर हमला” बताया है। वहीं विपक्षी दलों ने इसे कानून का सही अनुपालन करार दिया है और हिंसा में शामिल लोगों को सजा दिए जाने को जायज़ ठहराया है।
देखने वाली बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट में PTI की अपील पर क्या रुख अपनाया जाता है। क्या यह मामला न्यायपालिका की साख पर और सवाल खड़े करेगा? साथ ही, यह देखना अहम होगा कि क्या इस फैसले से पार्टी के राजनीतिक भविष्य पर कोई प्रभाव पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला कितना जल्दी सूचीबद्ध होता है, इस पर भी राजनीतिक हलचल निर्भर करेगी।
बहरहाल इस केस का एक दिलचस्प साइड एंगल यह भी है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी अब खुद को "राजनीतिक शिकार" के रूप में पेश कर रही है, जिससे उसे अंतरराष्ट्रीय समर्थन और सहानुभूति हासिल हो सकती है। दूसरी तरफ, पाकिस्तान की न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता पर पहले से ही कई बार सवाल उठते रहे हैं, और यह मामला उस बहस को और गहरा कर सकता है।
Updated on:
23 Jul 2025 09:33 pm
Published on:
23 Jul 2025 09:32 pm