China birth incentive: चीन सरकार ने जनसंख्या में लगातार हो रही गिरावट (China population policy) को रोकने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब देश में अगर कोई दंपती बच्चा पैदा करता है तो उन्हें लगभग ₹1.30 लाख (13,000 युआन) की आर्थिक सहायता (China birth incentive) दी जाएगी। इस स्कीम का उद्देश्य लोगों को प्रजनन के लिए प्रोत्साहित करना है। ध्यान रहे कि चीन की जन्म दर (Birth rate decline China) पिछले सात बरसों में आधे से भी कम हो चुकी है। एक ही बच्चा पैदा करने की परिवार नियोजन स्कीम (One child policy effect) चीन की कम होती जनसंख्या का एक प्रमुख कारण है। सन 2016 में जहां हर 1,000 लोगों पर लगभग 13.6 जन्म होते थे, वहीं 2023 तक यह आंकड़ा घटकर सिर्फ 6.3 रह गया है। यह देश के भविष्य के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।
चीन में अब कुल आबादी का लगभग 21% हिस्सा 60 साल से ज्यादा उम्र का है। वहीं युवाओं की संख्या में तेजी से कमी आई है। इससे देश की अर्थव्यवस्था और कार्यबल दोनों पर दबाव बढ़ रहा है।
चीन की लंबे समय तक लागू रही 'वन चाइल्ड पॉलिसी' का असर अब साफ नजर आने लगा है। दशकों तक एक ही बच्चा होने की सरकारी नीति ने जन्मदर को तो रोका, लेकिन अब वही नीति जनसंख्या असंतुलन की वजह बन गई है।
अब चीन न केवल दो बच्चों की अनुमति दे रहा है, बल्कि लोगों को बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित भी कर रहा है। नई योजनाओं में आर्थिक सहायता, टैक्स छूट, और बेहतर मातृत्व सुविधाएं शामिल हैं। यह बदलाव खासकर छोटे शहरों और ग्रामीण इलाकों में लागू किया जा रहा है।
अब सवाल यह है कि क्या ₹1.30 लाख जैसी स्कीम वाकई परिवार बढ़ाने को प्रेरित कर पाएगी? पिछले वर्षों में जापान, दक्षिण कोरिया और इटली जैसी आबादी संकट झेल रहे देशों ने भी प्रोत्साहन राशि दी थी, लेकिन वहां असर सीमित रहा। ऐसे में सवाल यह है कि क्या चीन की सामाजिक और आर्थिक संरचना इस योजना को सफल बना पाएगी?
चीन सरकार बच्चों के जन्म देने को प्रोत्साहित कर रही है, लेकिन कई चीनी महिलाएं अब विवाह और मातृत्व को टाल रही हैं। वे करियर प्राथमिकता, बढ़ती जीवन लागत और बच्चा पालन में सहयोग की कमी के कारण युवा पीढ़ी कम बच्चे चाहती है।
बहरहाल यह सामाजिक बदलाव चीन सरकार की आर्थिक प्रोत्साहन योजना के प्रभाव को सीमित कर सकता है। एक और पहलू यह हो सकता है कि ग्रामीण बनाम शहरी इलाकों में जन्मदर का अंतर – क्या यह स्कीम केवल छोटे शहरों तक सीमित रहेगी या बड़े शहरों में भी असर दिखेगा ?
Published on:
29 Jul 2025 09:31 pm