Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पाकिस्तान में मीडिया पर अघोषित सेंसरशिप: पत्रकारों की जिंदगी दांव पर, IFJ ने दुनिया को जगाया !

Pakistan Media Censorship: पाकिस्तान में मीडिया पर छिपी सेंसरशिप और पत्रकारों की हिंसा बढ़ गई है। IFJ ने सरकार से कार्रवाई करने की मांग की है।

2 min read
Google source verification

भारत

image

MI Zahir

Nov 02, 2025

Pakistan Media Censorship

पाकिस्तान में मीडिया पर अघोषित सेंसरशिप। (फोटो: ANI.)

Pakistan Media Censorship: पाकिस्तान में पत्रकारों की मुश्किलें दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही हैं। हालत यह है कि मीडिया पर बिना बताए सेंसरशिप (Pakistan media censorship) लगाई जा रही है, इस वजह से खबरें दबाई जा रही हैं। अंतरराष्ट्रीय पत्रकार महासंघ (IFJ) ने इन हालात पर गुस्सा जताया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में पत्रकारों को मारने, झूठे मुकदमे चलाने और पैसे न देने जैसी समस्याएं आम हो गई हैं। यह सब अंग्रेजी अखबार डॉन की रिपोर्ट से पता चला है। आईएफजे (IFJ Pakistan journalists) ने इसे "मीडिया का गहराता संकट" बताया है। पेरिस में हुई एक खास मीटिंग में पाकिस्तान की पत्रकार यूनियन (PFUJ) के लोग IFJ के बड़े नेताओं से मिले। PFUJ के महासचिव शकील अहमद, व सदस्यों तारिक उस्मानी और वसीम शहजाद कादरी ने असल हालात बताए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक क्राइम लॉ (PECA) का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे पत्रकारों के खिलाफ फर्जी केस बनाए जा रहे हैं। आरोप है कि सरकारी और गैर-सरकारी लोग डराते हैं, खबरें रोकते हैं और नौकरी से निकाल देते हैं। महीनों तक वेतन नहीं मिलता, जिससे मीडिया इंडस्ट्री तबाह हो रही है।

पाकिस्तान सरकार से फौरन एक्शन की मांग

IFJ ने पाकिस्तान सरकार से फौरन एक्शन की मांग की। वहीं राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और चीफ जस्टिस से अपील की कि दखल दें। वरना यूएन से मदद लेंगे। IFJ ने कहा कि यह प्रेस की आजादी पर खतरा है। उधर PECA ने पत्रकारों के खिलाफ किए गए राजनीतिक केस वापस लेने की बात कही। साथ ही हमलों के दो​षियों के खिलाफ सख्त सजा की मांग की। साथ ही "छिपी सेंसरशिप" को गैरकानूनी बताया, जो लोकतंत्र के खिलाफ है।

सैकड़ों पत्रकार बेरोजगार हो चुके हैं, उनका वेतन रुका हुआ है

आज पाकिस्तान में सैकड़ों पत्रकार बेरोजगार हो चुके हैं, उनका वेतन रुका हुआ है। IFJ ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से कहा कि मीडिया वर्कर्स की "आर्थिक हत्या" रोको। उन्होंने PFUJ के साथ एकजुटता दिखाई और कहा कि उनकी अगली कांग्रेस में यह मुद्दा बड़ा रखेंगे। PFUJ चीफ राणा मुहम्मद अजीम को मौत की धमकियां मिलने पर भी चिंता जताई।

पाकिस्तान को पत्रकारों की सेफ्टी और पैसे की गारंटी देनी होगी

गौरतलब है कि यह मामला दुनिया का ध्यान खींच रहा है। IFJ जैसी संस्थाएं आवाज उठा रही हैं। पाकिस्तान को पत्रकारों की सेफ्टी और पैसे की गारंटी देनी होगी। वरना मीडिया का भरोसा खत्म हो जाएगा। कुल मिलाकर, पाकिस्तान में पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है, जो देश के लोकतंत्र को कमजोर कर रहा है।

IFJ का सपोर्ट ग्लोबल प्रेशर बना सकता है

बहरहाल पाकिस्तान में मीडिया संकट सिर्फ पत्रकारों का नहीं, बल्कि आम जनता का भी संकट है। सेंसरशिप से सच छिपता है, जिससे भ्रष्टाचार बढ़ता है। IFJ का सपोर्ट ग्लोबल प्रेशर बना सकता है, जैसे श्रीलंका या बांग्लादेश में हुआ। ( ANI)