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भारत के पड़ोसी देश में 24 घंटे में दो बार कांपी धरती, जानिए कितनी रही तीव्रता

Pakistan Earthquake: पाकिस्तान के कई हिस्सों में 5.1 की तीव्रता पर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। यह झटके शनिवार-रविवार की मध्यरात्रि 12:10 बजे महसूस किए गए।

भारत

Devika Chatraj

Aug 03, 2025

पाकिस्तान में 24 घंटे में दूसरी बार भूकंप (IANS)

पाकिस्तान के कई हिस्सों में रविवार तड़के भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। नेशनल सिस्मिक मॉनिटरिंग सेंटर (NSMC) के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.1 मापी गई। भूकंप का केंद्र रावत से 15 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में था और इसकी गहराई मात्र 10 किलोमीटर थी। यह झटके शनिवार-रविवार की मध्यरात्रि 12:10 बजे महसूस किए गए, जिससे डर के मारे लोग घरों से बाहर निकल आए और कलिमा तय्यबा पढ़ते रहे।

यहां महसूस हुए झटके

भूकंप का असर इस्लामाबाद, रावलपिंडी, खैबर पख्तूनख्वा के साथ-साथ मर्दान, मुर्री, हरिपुर, चकवाल, ताला गंग और कलर कहार जैसे इलाकों में देखा गया। 'एआरवाई न्यूज' की रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के बाद लोग देर रात तक खुले आसमान के नीचे रहे, क्योंकि उन्हें आफ्टरशॉक्स का डर सता रहा था।

शनिवार को भी आए झटके

इससे पहले शनिवार को भी पाकिस्तान में 5.4 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसका केंद्र अफगानिस्तान के हिंदुकुश पर्वतीय क्षेत्र में 102 किलोमीटर की गहराई पर था। एनएसएमसी के मुताबिक, इस भूकंप के झटके पाकिस्तान, अफगानिस्तान और ताजिकिस्तान के कई हिस्सों में महसूस किए गए। शनिवार के भूकंप का असर खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर, स्वात, मलकंद, नौशेरा, चारसद्दा, करक, दीर, मर्दान, मोहम्मद, शांगला, हंगू, स्वाबी, हरिपुर और एबटाबाद में देखा गया। इसके अलावा, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर, अटॉक, टेक्सिला, मुर्री, सियालकोट, गुजरांवाला, गुजरात, शेखुपुरा, फिरोजवाला और मुरिदके में भी झटके महसूस किए गए।

जान-माल की कोई हानि नहीं

अब तक दोनों भूकंपों से किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन लगातार दो दिन भूकंप के झटकों ने लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। एनएसएमसी ने लोगों को सतर्क रहने और संभावित आफ्टरशॉक्स के लिए तैयार रहने की सलाह दी है।

कई क्षेत्र में भूकंप का जोखिम

पाकिस्तान भूकंपीय रूप से संवेदनशील क्षेत्र में स्थित है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों का टकराव बार-बार भूकंप का कारण बनता है। विशेषज्ञों का कहना है कि खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे क्षेत्र विशेष रूप से भूकंप के जोखिम में हैं।