ऑपरेनश सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान में मौजूद आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को तबाह किया था। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आंतकी हमले की जवाबी कार्रवाई के तौर पर भारत सरकार और सेना ने मिल कर 7 मई को यह ऑपरेशन लॉन्च किया था। इस दौरान भारतीय सेना ने हवाई हमले करते हुए पाकिस्तान के बहावलपुर में स्थित जैश के मुख्यालय को पूरी तरह ढहा दिया था। जिसके लगभग तीन महीने बाद अब जैश ने अपने मुख्यालय के पुनर्निर्माण के लिए चंदा मांगना शुरु कर दिया है।
संगठन के सरगना मसूद अजहर ने बुधवार को इसके पुनर्निर्माण के लिए एक अभियान की शुरुआत की है, जिसका मकसद धरती के कई हिस्सों को स्वर्ग में बदलना बताया गया है। सोशल मीडिया पर उर्दू में शेयर किए पोस्ट के अनुसार, जैश ने अपने मुख्यालय, जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह के पुनरुद्धार के लिए गुप्त रूस से चंदा मांगा है। पोस्ट में कहा गया कि इस अभियान की सफलता के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए।
पाकिस्तान के दक्षिणी पंजाब प्रांत में लगभग 100 किलोमीटर अंदर स्थित बहावलपुर लंबे समय से जैश का संचालन केंद्र रहा है। नए लोगों की भर्ती और प्रशिक्षण के लिए इस आंतकी शिविर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है। यह कभी एक विशाल परिसर था और यहां और अजहर, उसका भाई मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर ( जैश का वास्तविक प्रमुख ) और उनके परिवार के अन्य लोग रहते थे। अजहर ने 2001 का भारतीय संसद हमला, 26/11 के मुंबई आतंकी हमले और 2019 के पुलवामा हमला समेत भारत में कई आंतकी हमलों को अंजाम दिया था। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अजहर को एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया है।
साल 2015 में इस मुख्यालय की स्थापना की गई थी और उसके बाद से ही यह जैश का प्राथमिक केंद्र था। यहां संगठन के संचालन के साथ साथ नए लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाता था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बहावलपुर भारतीय सेना के मुख्य लक्ष्यों में से एक था। इस दौरान कई सटीक हवाई हमले कर के इलाके की इमारतों को ध्वस्थ किया गया था। 56 वर्षीय मसूद अजहर ने दावा किया था कि इस ऑपरेशन के दौरान उनके परिवार के 10 सदस्य और उनके चार सहायक मारे गए थे। इसमें अजहर की बड़ी बहन, बहन का पति, एक भतीजा और उसकी पत्नी, एक भतीजी और परिवार के पांच बच्चे शामिल थे।
Published on:
06 Aug 2025 05:19 pm