US Tariff on India: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump ) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए गुरुवार को एक नया कार्यकारी आदेश (Trump trade order) जारी किया है। इसमें 95 देशों और यूरोपीय संघ के खिलाफ आयात टैरिफ बढ़ा दिए गए हैं। ये नए शुल्क 7 अगस्त 2025 से लागू होंगे। भारत पर 25% टैरिफ(US India tariff) लगाया गया है, जो सबसे अधिक प्रभावित देशों में से एक है। व्हाइट हाउस ने भारत पर ये शुल्क लगाने के पीछे तीन बड़ी वजहें बताई हैं: गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाएं और व्यापार असंतुलन। अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि भारत (US Tariff on India) अमेरिकी कंपनियों को अपने बाजार में समान अवसर नहीं देता। अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत की ओर से बड़ी मात्रा में सस्ता रूसी तेल (India Russia oil) और हथियार खरीदना वॉशिंगटन को मंज़ूर नहीं है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यह कदम रूस के यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) को अप्रत्यक्ष समर्थन देता है।
अमेरिका ने व्यापार घाटे और रणनीतिक संरेखण के आधार पर कई देशों और क्षेत्रों पर 10 प्रतिशत से 41 प्रतिशत तक के समायोजित पारस्परिक शुल्क लगाने की घोषणा की है। यहाँ बताया गया है कि किस देश को किस दर का सामना करना पड़ेगा:
अफ़ग़ानिस्तान 15 प्रतिशत
एलजीरिया 30 प्रतिशत
अंगोला 15 प्रतिशत
बांग्लादेश इसे स्वीकार करो
बोलीविया 15 प्रतिशत
बोस्निया व हर्जेगोविना 30 प्रतिशत
बोत्सवाना 15 प्रतिशत
ब्राज़िल 10 प्रतिशत
ब्रुनेई 25 प्रतिशत
कंबोडिया 19 प्रतिशत
कैमरून 15 प्रतिशत
काग़ज़ का टुकड़ा 15 प्रतिशत
कोस्टा रिका 15 प्रतिशत
कोटे डी आइवर 15 प्रतिशत
कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य 15 प्रतिशत
इक्वेडोर 15 प्रतिशत
इक्वेटोरियल गिनी 15 प्रतिशत
यूरोपीय संघ (माल >15%) 0 प्रतिशत
यूरोपीय संघ (माल <15%) 15% माइनस कॉलम 1 शुल्क
फ़ॉकलैंड द्वीप समूह 10 प्रतिशत
फिजी 15 प्रतिशत
घाना 15 प्रतिशत
गुयाना 15 प्रतिशत
आइसलैंड 15 प्रतिशत
भारत 25 प्रतिशत
इंडोनेशिया 19 प्रतिशत
इराक 35 प्रतिशत
इज़राइल 15 प्रतिशत
जापान 15 प्रतिशत
जॉर्डन 15 प्रतिशत
कजाखस्तान 25 प्रतिशत
लाओस 40 प्रतिशत
लिसोटो 15 प्रतिशत
लीबिया 30 प्रतिशत
लिकटेंस्टाइन 15 प्रतिशत
मेडागास्कर 15 प्रतिशत
मलावी 15 प्रतिशत
मलेशिया 19 प्रतिशत
मॉरीशस 15 प्रतिशत
मोलदोवा 25 प्रतिशत
मोज़ाम्बिक 15 प्रतिशत
म्यांमार (बर्मा) 40 प्रतिशत
नामिबिया 15 प्रतिशत
नाउरू 15 प्रतिशत
न्यूज़ीलैंड 15 प्रतिशत
निकारागुआ 18 प्रतिशत
नाइजीरिया 15 प्रतिशत
उत्तर मैसेडोनिया 15 प्रतिशत
नॉर्वे 15 प्रतिशत
पाकिस्तान 19 प्रतिशत
पापुआ न्यू गिनी 15 प्रतिशत
फिलिपींस 19 प्रतिशत
सर्बिया 35 प्रतिशत
दक्षिण अफ्रीका 30 प्रतिशत
दक्षिण कोरिया 15 प्रतिशत
श्रीलंका इसे स्वीकार करो
स्विट्ज़रलैंड 39 प्रतिशत
सीरिया 41 प्रतिशत
ताइवान इसे स्वीकार करो
थाईलैंड 19 प्रतिशत
त्रिनिदाद और टोबैगो 15 प्रतिशत
ट्यूनीशिया 25 प्रतिशत
टर्की 15 प्रतिशत
युगांडा 15 प्रतिशत
यूनाइटेड किंगडम 10 प्रतिशत
वानुअतु 15 प्रतिशत
वेनेज़ुएला 15 प्रतिशत
वियतनाम इसे स्वीकार करो
जाम्बिया 15 प्रतिशत
ज़िम्बाब्वे 15 प्रतिशत
भारत सरकार के सूत्रों के अनुसार, अमेरिका का यह फैसला "एकतरफा और भेदभावपूर्ण" है। वाणिज्य मंत्रालय जल्द ही इस पर जवाबी रणनीति तैयार कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय भारत-अमेरिका व्यापार रिश्तों में तनाव ला सकता है।
सूत्रों के अनुसार, भारत अमेरिका से रियायतें वापस लेने या कुछ अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी शुल्क लगाने पर विचार कर सकता है। साथ ही, WTO में भी इस फैसले की वैधता को चुनौती दी जा सकती है।
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप का यह टैरिफ फैसला चुनावी राजनीति से भी जुड़ा है। ट्रंप घरेलू उद्योगों को खुश कर विदेशी प्रतिस्पर्धा पर लगाम लगाना चाहते हैं। साथ ही, चीन के बाद अब भारत जैसे देशों को निशाना बनाना उनकी "अमेरिका फर्स्ट" नीति का हिस्सा है।
Published on:
01 Aug 2025 03:49 pm