
पाकिस्तान में प्रदर्शन (फोटो- आईएएनएस)
पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में एक बार फिर आंदोलन भड़रकने लगा है। पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार को जहां लग रहा था कि उन्होंने इलाके में फैले विद्रोह को काबू कर लिया है वहां अब फिर से उबाल खाने लगा है। ऐसे में इन प्रदर्शनों को दबाने के लिए सरकार द्वारा भारी सुरक्षा बल का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिसका भारत ने कड़ा विरोध किया है। खूफिया सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पिछले महीने जो विरोध प्रदर्शन हुए थे, वे राजनीतिक वर्ग और कार्यकर्ताओं ने किए थे, लेकिन इस बार आंदोलन की कमान छात्रों ने संभाली है। ऐसे में नेपाल और बांग्लादेश में GenZ प्रोटेस्ट का असर देखते हुए शरीफ सरकार की चिंता बढ़ गई है।
यह विरोध आज़ाद कश्मीर विश्वविद्यालय में शुरू हुआ है। छात्रों ने इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में खराब नतीजों और बढ़ती हुई फीस के मुद्दे उठाते हुए प्रदर्शन किया। जिसके बाद सरकार ने तुरंत विश्वविद्यालय में छात्र संघों और राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दी। फिहलाल सिर्फ छात्र ही इस आंदोलन में शामिल है। शरीफ सरकार और पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे अत्याचारों से गुस्साए हुए छात्र पाकिस्तान विरोधी नारे लगा रहे हैं। अपने पड़ोसी देश बांग्लादेश और नेपाल के हालात देखने के बाद शरीफ सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है और विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
खुफिया एजेंसी के अनुसार, इस विरोध में न केवल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में, बल्कि बाकी पाकिस्तान में भी बड़े तरीके से ज़ोर पकड़ने की क्षमता है। नेपाल में हुआ विरोध प्रदर्शन अभी भी सभी के दिमाग में ताजा है। देखा जाए तो काठमांडू में हुए विरोध प्रदर्शनों और पीओके में चल रहे प्रदर्शनों में बहुत समानताए हैं। दोनों ही जगहों पर, ये प्रदर्शन भ्रष्टाचार, अवसरों की कमी और विकास न होने के ख़िलाफ़ थे।
नेपाल में, जब सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया, तो विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे। अब पीओके में भी इसी तरह के मुद्दे उठाए जा रहे हैं। जहां पिछले कुछ महीनों से भ्रष्टाचार और विकास की कमी जैसे मुद्दे उठ रहे हैं, वहीं छात्र विशेष रूप से परीक्षा बोर्डों की ई-मार्किंग नीति से नाराज़ हैं। छात्रों का कहना है कि इस नीति से 10,000 छात्र प्रभावित हो रहे हैं। पाकिस्तानी सरकार को अब अन्य लोगों के इस प्रदर्शन से जुड़ने और इसके राष्ट्रव्यापी आंदोलन बनने की चिंता सता रही है। जबकि जम्मू और कश्मीर ज्वाइंट अवामी एक्शन कमेटी पहले ही छात्रों को समर्थन देने की बात कह चुकी है। जिससे प्रदर्शनकारियों को सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए और ताकत और हिम्मत मिली है।
Published on:
05 Nov 2025 03:09 pm
बड़ी खबरें
View Allविदेश
ट्रेंडिंग

