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मैक्रों का बड़ा ऐलान: फ्रांस बढ़ाएगा रक्षा खर्च, कहा- आज़ादी की कीमत चुकानी पड़ती है

France Defense Budget Increase: फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने रक्षा बजट बढ़ाने की घोषणा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता की रक्षा के लिए शक्ति ज़रूरी है।

भारत

MI Zahir

Jul 14, 2025

France Defense Budget Increase
फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने रक्षा बजट बढ़ाने की घोषणा की है। (फोटो क्रेडिट: X Handle PBS News.)

France Defense Budget Increase: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ( Emmanuel Macron ) ने ऐलान किया है कि आने वाले वर्षों में देश का रक्षा बजट (France defense budget 2025) तेजी से बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 2025 में रक्षा खर्च में करीब 31,500 करोड़ रुपये और 2027 तक लगभग 27,000 करोड़ रुपये की और बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बैस्टिल डे की पूर्व संध्या पर सशस्त्र बलों को संबोधित करते हुए कहा, “1945 के बाद से स्वतंत्रता को इतना बड़ा खतरा पहले कभी नहीं रहा।” उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia–Ukraine War), साइबर हमलों और आतंकवाद को यूरोप की आज़ादी के लिए प्रमुख खतरे बताया। मैक्रों ने एलिसी पैलेस की ओर से जारी एक बयान में कहा, “आज़ादी की कीमत होती है। और आज़ाद रहने के लिए हमें शक्तिशाली बनना होगा।” उनका इशारा था कि अगर देश सुरक्षित रहेगा, तभी नागरिक स्वतंत्र रह सकेंगे।

संसद से मिलेगी चुनौती, बजट पर पहले से है खींचतान

मैक्रों की इस योजना को लागू करने के लिए फ्रांसीसी संसद की मंजूरी ज़रूरी है। लेकिन संसद पहले ही घाटा कम करने और खर्च पर बहसों से जूझ रही है। साल 2024 में फ्रांस का बजट घाटा 5.8% तक पहुंच गया है, और सरकार इसे 2026 तक 4.6% पर लाना चाहती है।

सरकार पर भारी आर्थिक दबाव, खर्च कैसे होगा ?

फ्रांस के वित्त मंत्री एरिक लोम्बार्ड ने कहा है कि 2026 के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए इस साल 40 बिलियन यूरो की कटौती जरूरी है। उन्होंने कहा, “हम बजट आपातकाल जैसी स्थिति में हैं।” सरकार को इस बीच कर बढ़ाने जैसे विकल्पों पर भी विचार करना पड़ सकता है।

मैक्रों ने देशवासियों से एकजुटता की अपील की

मैक्रों ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, “देश को आपकी ज़रूरत है। हर नागरिक को सुरक्षा खतरों के प्रति जागरूक रहना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि स्वतंत्रता की रक्षा के लिए त्याग ज़रूरी है - चाहे वह आर्थिक हो या सामाजिक हो।

विपक्ष और जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया

मैक्रों के बयान – “इस दुनिया में आज़ाद होने के लिए आपको डरना होगा” ने फ्रांस के राजनीतिक गलियारों में बहस छेड़ दी है। वामपंथी दलों ने रक्षा खर्च बढ़ाने पर आपत्ति जताई है और इसे “अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त बोझ” बताया। वहीं दक्षिणपंथी दलों ने संभावित टैक्स बढ़ोतरी के विरोध में चेतावनी दी है। कुछ नागरिक संगठनों ने मांग की है कि रक्षा के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों पर भी उतना ही ध्यान दिया जाए।

संसद में बहस, क्या 2026 का बजट पास होगा ?

अब निगाहें फ्रांसीसी संसद पर हैं, जहां इस रक्षा बजट को लेकर गर्म बहस तय मानी जा रही है। सरकार को 2026 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए 40 बिलियन यूरो की बचत करनी होगी, जिसे लेकर कई मंत्री भी असमंजस में हैं। प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू मंगलवार को 2026 के बजट पर अपडेट देने वाले हैं, जहां और मितव्ययिता या टैक्स वृद्धि जैसे बड़े ऐलान हो सकते हैं।

क्या यूरोप फिर से सैन्यकरण की राह पर है ?

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोप में रक्षा बजट में तेज़ बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। फ्रांस के अलावा जर्मनी, पोलैंड और ब्रिटेन भी अपने डिफेंस बजट को ऐतिहासिक स्तर पर ले जा चुके हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि NATO सदस्य देश अब अमेरिका पर निर्भरता कम करके अपनी सैन्य आत्मनिर्भरता बढ़ाना चाहते हैं और फ्रांस का कदम इसी दिशा में है।

फ्रांस को वैश्विक खतरों के मुकाबले मजबूत बनाने की दिशा में कदम

बहरहाल मैक्रों का यह कदम फ्रांस को वैश्विक खतरों के मुकाबले में मजबूत बनाने की दिशा में है, लेकिन आर्थिक तंगी और संसद में राजनीतिक विरोध के चलते यह राह आसान नहीं होगी।