China women not interested in marriage
China Population: चीन में सबसे ज्यादा जनसंख्या के बावजूद जन्म दर बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है। चीन की सरकार लोगों से ज्यादा से ज्यादा बच्चे पैदा करने को कह रहे हैं। इसके लिए चीन कपल्स को आर्थिक मदद भी दे रहा है और तो और, कई कंपनियां भी शादी और बच्चे पैदा करने के लिए अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहन के तौर पर नकद दे रही हैं बावजूद यहां के युवा ना तो शादी करने का मन बना रहे हैं और ना ही बच्चे पैदा कर रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा संख्या महिलाओं की है।
द गार्जिएन की रिपोर्ट के मुताबिक चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों से पता चला है कि 2023 में चीन में शादियों की संख्या 7.7 मिलियन थी जो 2024 में सिर्फ 6.1 मिलियन रह गई। ये आंकड़ा 2013 में रजिस्टर्ड शादियों की संख्या के आधे से भी कम है और 1986 में रिकॉर्ड रखने की शुरुआत के बाद से तो सबसे कम है।
रिपोर्ट में काउंसिल फॉर फॉरेन रिलेशंस में चीनी रिसर्च के फेलो कार्ल मिंजनर ने बताया है कि ऐसा नहीं है कि लोग शादी नहीं करना चाहते। समस्या ये है कि महिलाएं अब पहले के मुकाबले ज्यादा सशक्त हैं, वे अपने खर्चे खुद उठा रही हैं, वे अब किसी भी काम के लिए पुरुषों पर निर्भर नहीं है। इसके अलावा उन्हें शादी के बाद अपनी जिंदगी काफी मुश्किल लगती है क्योंकि इससे उन्हें आज़ादी समेत कई अधिकारों से समझौता करना होता है। ऐसे में वे शादी से दूर रहना चाहती हैं और अकेले ही रहने की रास्ता चुन रही हैं क्योंकि वे अकेलेपन में खुद को सुकून में महसूस करती हैं।
वहीं इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं अपने एग फ्रीज़ करवाकर मां बनने की सोच रही हैं लेकिन चीन का कानून सिर्फ शादीशुदा महिलाओं को ही ये अधिकार देता है इसलिए फिर वे बच्चे की इच्छा को छोड़ रही हैं। ऐसा ही मामला 30 साल की एक महिला का है, जो एग फ्रीजिंग की पूछताछ करने के लिए अस्पताल गईं लेकिन जब डॉक्टर ने उन्हें कह कि वे ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि वे शादीशुदा नहीं है। इस मामले के एक साल बाद उस महिला ने इस बात के लिए मामला दायर कर दिया कि उसके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। इस पर चीन के बीजिंग में स्थित थर्ड इंटरमीडिएट पीपुल्स कोर्ट ने अपना फैसला भी दिया जो अस्पताल के ही पक्ष में था। कोर्ट ने कहा कि ये अधिकार चीन का कानून सिर्फ शादीशुदा महिलाओं को देता है।
दरअसल चीन में शादी आज भी एक पितृसत्तात्मक संस्कृति का प्रतीक मानी जाती है। दूसरी तरफ चीन की सरकार बार-बार लोगों से शादी करने और बच्चे पैदा करने का दबाव बना रहे हैं। राष्ट्रपति शी जिनपिंग खुद कई बार महिलाओं से शादी के जरिए पारिवारिक सभ्यता बनाए रखने और सही उम्र में बच्चे पैदा करने की अपील की है।
दूसरी तरफ महिलाओं का कहना है कि महंगाई के इस दौर में शादी एक बेहद खर्चीला समारोह हो जाता है। वहीं इसके बाद बच्चों को पालना और उनकी शिक्षा का खर्च उठाना साथ ही साथ घर की जिम्मेदारी उठाना उन्हें परेशान कर सकता है, क्योंकि उससे उनका करियर भी प्रभावित होगा। क्योंकि अब करिअर भी महिलाओं की प्राथमिकताओं में है। इतना ही नहीं कई महिलाओं में गर्भावस्था और प्रसव के दौरान नुकसान के जोखिम का भी डर बैठा हुआ है। जिसकी वजह से वे परिवार बढ़ाना नहीं चाहतीं।
दरअसल चीन की वन चाइल्ड पॉलिसी से चीन को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि चीन में जन्म दर कम हो गई है और अब बुजुर्गों की संख्या सबसे ज्यादा हो गई है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में 2023 में 15 प्रतिशत से ज्यादा लोग 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र के थे। जो 2019 में सिर्फ 21 प्रतिशत थी।
ऐसे में चीन इसे कम करने के लिए की तरह की सब्सिडी, भुगतान और आवास सब्सिडी जैसे लोकलुभावन स्कीम्स निकाली हुई है इतना ही कई प्राइवेट कंपनियां भी, जैसे वाहन निर्माता एक्सपेंग कर्मचारियों को प्रोत्साहन राशि दे रही हैं जो करीब 30000 युआन यानी साढ़े तीन लाख रुपए का है। वहीं तीसरे बच्चे के जन्म पर कुल नकद प्रोत्साहन 26 लाख रुपए तक पहुंच सकता है।
Published on:
01 Mar 2025 06:52 am
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