AI Water Consumption: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बढ़ती लोकप्रियता और तकनीकी प्रगति ने वैश्विक जल संसाधनों पर अभूतपूर्व दबाव डाला है। एआई डेटा सेंटर्स की भारी मशीनरी को ठंडा करने के लिए प्रति दिन लाखों लीटर पानी की आवश्यकता होती है, जिससे भारत सहित कई देशों में जल संकट गहराता जा रहा है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, रिवरसाइड के शोधकर्ता शाओलेई रेन के हालिया अध्ययन के अनुसार, जीपीटी-3 जैसे बड़े एआई मॉडल्स के लिए औसतन 2 लीटर पानी प्रति 10-50 प्रश्नों के जवाब में खर्च होता है, जो पहले अनुमानित 500 मिलीलीटर से चार गुना अधिक है।
इलेक्ट्रोपेज की 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डेटा सेंटर्स की जल खपत 2025 में 150.3 अरब लीटर तक पहुंच सकती है, जो 2030 तक बढ़कर 358.66 अरब लीटर हो सकती है। बेंगलुरु जैसे शहर, जो पहले से ही जल संकट का सामना कर रहे हैं, में डेटा सेंटर्स प्रतिदिन 8 मिलियन लीटर पानी का उपयोग कर रहे हैं। यह खपत 2025 में और बढ़ने की संभावना है, क्योंकि भारत में डेटा सेंटर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
एआई डेटा सेंटर्स में सीपीयू और जीपीयू जैसी शक्तिशाली मशीनें भारी मात्रा में ताप उत्पन्न करती हैं। इन्हें ठंडा करने के लिए वाटर इवेपोरेशन कूलिंग टावर्स का उपयोग होता है, जिसमें 80% पानी वाष्प बनकर उड़ जाता है और केवल 20% ही पुनर्चक्रण के लिए बचता है। गर्म जलवायु वाले क्षेत्रों, जैसे भारत के कई हिस्सों में, यह खपत और भी बढ़ जाती है।
जल खपत को कम करने के लिए लिक्विड कूलिंग, वेस्टवाटर रिसाइक्लिंग, और समुद्री जल उपयोग जैसे नवाचारों पर काम हो रहा है। भारत में कुछ कंपनियां, जैसे CtrlS और NTT, 100% रिसाइकिल्ड पानी और 99% वेस्ट रिसाइक्लिंग की दिशा में काम कर रही हैं। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, मेटा और अमेजन जैसी कंपनियों ने 2030 तक "वाटर पॉजिटिव" बनने का वादा किया है, जिसका अर्थ है कि वे जितना पानी उपयोग करेंगी, उससे अधिक पानी पर्यावरण में वापस करेंगी। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि पानी की समस्या स्थानीय होती है, और ऑफसेटिंग से स्थानीय समुदायों को सीधा लाभ नहीं मिलता।
विशेषज्ञों का मानना है कि डेटा सेंटर्स को ठंडे क्षेत्रों में स्थानांतरित करना, बंद-लूप कूलिंग सिस्टम अपनाना, और गैर-पेयजल स्रोतों का उपयोग करना जल संकट को कम करने में मदद कर सकता है। भारत जैसे देशों में, जहां जलवायु और जल संसाधनों की कमी पहले से ही चुनौती है, डेटा सेंटर उद्योग को टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने की तत्काल आवश्यकता है।
Published on:
31 Jul 2025 03:40 pm