Tea App Data Leak: ऑनलाइन डेटिंग (Online Dating) की बढ़ती लोकप्रियता के बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। कई लोकप्रिय डेटिंग ऐप्स (Dating Apps) से लाखों यूजर्स की निजी जानकारी लीक होने की घटना ने साइबर सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हाल ही में ‘टी ऐप’ (Tea App) से जुड़ी एक बड़ी डेटा लीक (Data Leak) की खबर ने यूजर्स के बीच हड़कंप मचा दिया है। यह अमेरिकी बेस्ड ऐप है और भारत में ये ऐप काम नहीं करता है।
साइबरन्यूज के शोधकर्ताओं के अनुसार, इन ऐप्स से करीब 15 लाख तस्वीरें लीक हुई हैं, जिनमें यूजर्स की प्रोफाइल पिक्चर्स, प्राइवेट चैट में भेजी गई तस्वीरें, प्रोफाइल वेरिफिकेशन फोटोज और यहां तक कि मॉडरेटर द्वारा हटाई गई तस्वीरें भी शामिल हैं। टी ऐप, जो खासतौर पर महिलाओं के लिए डेटिंग अनुभवों को साझा करने और पुरुषों की विश्वसनीयता जांचने का मंच है, से 72,000 तस्वीरें और 13,000 पहचान पत्र (ID) लीक हुए हैं। ये डेटा बिना किसी एन्क्रिप्शन के सार्वजनिक रूप से उपलब्ध थे, जिससे हैकर्स के लिए इन्हें एक्सेस करना आसान हो गया।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन ऐप्स के कोड में एपीआई कीज और डेटाबेस डिटेल्स जैसी संवेदनशील जानकारी खुली छोड़ दी गई थी, जिसका फायदा उठाकर हैकर्स ने डेटा चुराया। टी ऐप के प्रवक्ता ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि फरवरी 2024 से पहले साइन अप करने वाले यूजर्स का डेटा ही प्रभावित हुआ है, जबकि फोन नंबर और ईमेल आईडी सुरक्षित हैं। फिर भी, लीक हुए डेटा में यूजर्स की जियोलोकेशन और निजी तस्वीरें शामिल होना चिंता का विषय है।
लीक हुए डेटा का इस्तेमाल स्कैमर्स द्वारा ब्लैकमेलिंग और साइबर ठगी के लिए किया जा सकता है। खासकर टी ऐप जैसे प्लेटफॉर्म, जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाए गए थे, अब यूजर्स की गोपनीयता को खतरे में डाल रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा को प्रभावित करती हैं, बल्कि सामाजिक और मनोवैज्ञानिक स्तर पर भी नुकसान पहुंचा सकती हैं।
यह पहली बार नहीं है जब डेटिंग ऐप्स से डेटा लीक की खबर आई है। साल 2022 में इंडियाबुल्स की धानी ऐप से सैकड़ों लोगों की पैन कार्ड जानकारी लीक हुई थी, जिसका इस्तेमाल जालसाजों ने लोन लेने के लिए किया। इसके अलावा, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे शहरों में डेटिंग ऐप्स के जरिए ठगी और ब्लैकमेलिंग के कई मामले सामने आ चुके हैं।
भारत में डेटिंग ऐप्स को ‘राइट टू प्राइवेसी’ के तहत रेगुलेट किया जाता है, लेकिन संवेदनशील जानकारी की सुरक्षा के लिए मौजूदा नियम केवल क्रेडिट/डेबिट कार्ड, बायोमेट्रिक डेटा और मेडिकल रिकॉर्ड तक सीमित हैं। उम्र, लिंग या धर्म जैसी जानकारी को संवेदनशील नहीं माना जाता, जिसके कारण डेटा लीक की स्थिति में यूजर्स को पर्याप्त कानूनी सुरक्षा नहीं मिल पाती।
Updated on:
29 Jul 2025 03:39 pm
Published on:
29 Jul 2025 02:37 pm