बांग्लादेश (Bangladesh) में तख्तापलट को एक साल पूरा हो गया है। पिछले साल आज के ही दिन यानी कि 5 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को देश छोड़कर भागना पड़ा था। अपनी जान बचाने के लिए शेख हसीना, अपनी बहन शेख रेहाना (Sheikh Rehana) के साथ बांग्लादेश छोड़कर भारत आ गई थी। सेना ने उन्हें देश से निकलने का मौका दिया था और उन्होंने भी स्थिति को देखते हुए बांग्लादेश से निकलना उचित समझा।
पिछले एक साल से शेख हसीना, भारत सरकार की शरण में रह रही हैं। पहले उनका प्लान था कि वह भारत आकर यहाँ से लंदन चली जाएंगी, लेकिन बाद में उन्हें लंदन से ग्रीन सिग्नल नहीं मिला।
शेख हसीना के बांग्लादेश से जाने के बाद वहाँ इस्लामिक कट्टरवाद बढ़ गया। बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार चल रही है, जिसके शासन में देश में कट्टर इस्लामपंथी लोगों का आतंक बढ़ रहा है। शेख हसीना के जाने के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं पर भी अत्याचार बढ़ा है। अक्सर ही इस तरह के मामले भी सामने आते रहते हैं। शेख हसीना के जाने के बाद बांग्लादेश में कई हिंदुओं को मारा गया, उनके घरों और दुकानों को जला दिया गया, लूटपाट की गई और प्रताड़ित किया गया। स्थिति में सुधार के लिए बांग्लादेशी अंतरिम सरकार ने भी कोई कदम नहीं उठाया और अभी भी बांग्लादेश में हिंदू सुरक्षित नहीं हैं।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार के बढ़ते मामलों की वजह से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में दरार पड़ गई है। भारत ने अलग-अलग मौकों पर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से हिंदुओं की स्थिति पर ध्यान देने और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग भी उठाई, लेकिन इसके बावजूद यूनुस सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए। आज के हालात पर गौर किया जाए, तो एक समय पर मज़बूत संबंध रखने वाले भारत और बांग्लादेश के बीच अब बेहद ही तनावपूर्ण संबंध हैं। बांग्लादेश ने भी शेख हसीना के प्रत्यर्पण की कई बार मांग उठाई है, लेकिन इसके बावजूद भारत ने पूर्व बांग्लादेशी पीएम को शरण दे रखी है और उनका वीज़ा भी एक्सटेंड कर दिया है।
भारत से तनाव के बीच बांग्लादेश ने चीन और पाकिस्तान से दोस्ती बढ़ा ली है। यह बात जगजाहिर है कि भारत के चीन और पाकिस्तान से कैसे संबंध है और फिर भी बांग्लादेश इन दोनों देशों से अपने संबंधों को मज़बूत करने की कवायद जारी रखी है।
Published on:
05 Aug 2025 04:51 pm