Owaisi Saudi Arabia speech on Pakistan: सऊदी अरब में (Asaduddin Owaisi Saudi Arabia)आयोजित एक विशेष अंतरराष्ट्रीय संवाद में भाग लेते हुए, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने न सिर्फ भारत की बहुलता और मुस्लिम समुदाय की देशभक्ति का दमदार बचाव किया, बल्कि पाकिस्तान की आतंकवाद पर दोहरी नीति को बेनकाब भी किया। इस वैश्विक मंच पर उन्होंने कहा, "भारत के 240 मिलियन मुसलमान गर्व से भारतीय हैं। हम यहां अपने अधिकारों और सम्मान के साथ रहते हैं और हमें किसी के प्रमाण पत्र की ज़रूरत नहीं है।"
यह संवाद भारत की ‘मेगा आउटरीच डिप्लोमेसी’ का हिस्सा था, जहां ओवैसी एक बहुदलीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा कर रहे हैं और इसमें अन्य दलों के नेता और वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। यह टीम खाड़ी देशों – सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया – में भारतीय हितों को मज़बूती से पेश कर रही है।
ओवैसी ने अपनी बात को बेहद स्पष्ट और सशक्त तरीके से रखते हुए कहा कि पाकिस्तान द्वारा 9 मई को भारत के खिलाफ फैलाए जा रहे सैन्य झूठ को दुनिया समझ चुकी है। उन्होंने कहा, "अगर भारत चाहता, तो उन नौ एयरबेस को पूरी तरह से नेस्तनाबूद कर सकता था, लेकिन हमने चेतावनी देकर उन्हें आईना दिखाया।"
उन्होंने बताया कि नौ आतंकी संगठन मुख्यालयों को निशाना बनाया गया था और "उन मारे गए आतंकियों के लिए नमाज अदा करने वाला व्यक्ति अमेरिका द्वारा नामित आतंकी था।"
उन्होंने याद दिलाया कि 2008 के मुंबई हमलों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में भारत ने पाकिस्तान को सभी सुबूत सौंपे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। FATF के दबाव में ही पाकिस्तान को यह स्वीकार करना पड़ा कि साजिद मीर ज़िंदा है, जबकि वह पहले उसे मृत घोषित कर रहा था।
ओवैसी ने अंत में दो टूक कहा, "हम भारतीय मुसलमानों को न तो किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत है और न ही किसी के रहमोकरम की। आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में हम हमेशा साथ खड़े हैं।"
ओवैसी का यह भाषण सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में तेज़ी से वायरल हो रहा है। कई विश्लेषकों का मानना है कि यह एक ऐसा क्षण था जब भारत की बहुसांस्कृतिक पहचान को मुस्लिम नेता ने विदेश में गर्व के साथ पेश किया। वहीं, पाकिस्तान की आलोचना पर कई राजनीतिक विरोधी हैरान हैं, क्योंकि आम तौर पर ओवैसी को आंतरिक मुद्दों पर केंद्रित नेता माना जाता है।
बीजेपी नेता निशिकांत दुबे, जो इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, ने कहा, "ओवैसी साहब की बातें पूरी टीम की भावना दर्शाती हैं। देश से ऊपर कुछ नहीं।"
यह भाषण उस समय आया है जब भारत खाड़ी देशों से अपने कूटनीतिक संबंधों को और मज़बूत करने में जुटा है। यह फॉलोअप जरूरी है:
क्या सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देश अब पाकिस्तान पर आतंक को लेकर ज़्यादा दबाव बनाएंगे?
क्या भारत अब मुसलमानों की वैश्विक छवि सुधारने के लिए और नेताओं को ऐसे मंचों पर आगे लाएगा?
क्या ओवैसी की यह भूमिका उनकी घरेलू राजनीतिक छवि को बदलेगी?
इस भाषण ने भारतीय मुस्लिम समुदाय की वैश्विक छवि को बदलने की ओर एक अहम कदम रखा है। अब तक अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत के मुस्लिमों की बात अक्सर विदेशी मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से होती थी – अब वे खुद अपनी बात कह रहे हैं।
इससे यह संदेश जाता है कि भारत में मुस्लिम समाज एक सशक्त, स्वतंत्र और लोकतांत्रिक व्यवस्था का हिस्सा है। यह भारत की "इन्क्लूसिव डिप्लोमेसी" की मिसाल बन सकता है, जहां राजनीतिक मतभेदों को पीछे रखकर राष्ट्रहित में एक साथ खड़ा हुआ जा सकता है।
गौरतलब है कि ओवैसी जिस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, उसका भाजपा सांसद बैजयंत पांडा नेतृत्व कर रहे हैं और इसमें भाजपा के निशिकांत दुबे, फागनोन कोन्याक, रेखा शर्मा, मनोनीत सांसद सतनाम सिंह संधू और पूर्व राजनयिक हर्ष श्रृंगला शामिल हैं। यह प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब, कुवैत, बहरीन और अल्जीरिया की यात्रा कर चुका है।
बहरहाल यह दौरा भारत के बहुध्रुवीय कूटनीतिक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसमें विविध राजनीतिक प्रतिनिधियों को शामिल कर वैश्विक मंचों पर भारत की व्यापक छवि प्रस्तुत की जा रही है। ओवैसी की पाकिस्तान को सीधी ललकार और भारत के मुसलमानों की राष्ट्रभक्ति पर जोर, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक स्पष्ट संदेश है-भारत में विविधता ही ताकत है, और आतंक के खिलाफ उसकी नीति अडिग है।
Updated on:
29 May 2025 07:10 pm
Published on:
29 May 2025 02:19 pm