Nude AI photos of classmates: एक 17 वर्षीय किशोर(17-year-old suspicion) ने अपने क्लासमेट्स की आपत्तिजनक तस्वीरें (Nude AI photos of classmates) बना कर बेच दीं। मामले की जांच की जा रही है। ध्यान रहे कि मार्च में स्पेन सरकार ने कहा था कि वह बिना सहमति के एआई ( AI)से निर्मित ऐसी डीपफेक यौन छवियों (deepfake nude images) को अपराध मानने के लिए कानून बनाएगी। यह जांच तब शुरू की गई जब वेलेंसिया क्षेत्र के एक शैक्षणिक संस्थान की 16 युवतियां शिकायत लेकर सामने आईं कि उनकी एआई-जनरेटेड तस्वीरें सोशल मीडिया और इंटरनेट पर प्रसारित हो रही हैं। पहली शिकायत दिसंबर में एक किशोरी ने दर्ज कराई थी, जिसने कहा था कि उसके नाम से शुरू किए गए एक सोशल मीडिया एकाउंट पर एआई से निर्मित वीडियो और उसकी "पूरी तरह से नग्न" दिखने वाली फर्जी तस्वीरें पोस्ट की गई थीं। पुलिस के एक बयान के अनुसार, जैसे-जैसे और आरोप सामने आते गए आए पुलिस का शक गहराता गया कि ये तस्वीरें उसी संस्थान के एक छात्र ने बनाई हैं।
सोशल साइट पर फर्जी एकाउंट बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए आईपी एड्रेस पर नज़र रखने से वे 17 वर्षीय उस लड़के के घर तक पहुंचे, जिसके खिलाफ अब नाबालिगों के भ्रष्टाचार के संदेह में जांच चल रही है।
गौरतलब है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि स्पेनिश अधिकारियों ने नाबालिगों के एआई-निर्मित अश्लील फोटोज का पता लगाया है। मैड्रिड का दावा है कि यह यूरोप में पहला विधेयक होगा, अभी तक संसद से विधेयक पारित नहीं किया गया है।
अमेरिका में अब बिना सहमति के किसी की अश्लील तस्वीरें या डीपफेक कंटेंट शेयर करना एक गंभीर अपराध है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 'टेक इट डाउन एक्ट' नामक संघीय कानून बनाया है। यह कानून खास तौर पर रिवेंज पोर्न और AI से बनी फर्जी नग्न तस्वीरों को रोकने के लिए लाया गया है। इस कानून के तहत, अगर किसी व्यक्ति की शिकायत मिलती है कि उसकी बिना अनुमति वाली अश्लील तस्वीर या वीडियो ऑनलाइन डाली गई है, तो सोशल मीडिया कंपनियों को 48 घंटे के भीतर वह कंटेंट हटाना होता है। अगर कंपनियां इस निर्देश का पालन नहीं करती हैं, तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई हो सकती है।
भारत में इस तरह के अपराध रोकने के लिए पहले से ही कुछ कानून मौजूद हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
धारा 66E: बिना अनुमति के किसी की निजी तस्वीर लेना या शेयर करना अपराध है।
धारा 67: अश्लील सामग्री को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से फैलाने पर रोक लगाती है।
भारतीय दंड संहिता (IPC): धारा 354C: बिना इजाजत किसी महिला की तस्वीर लेना, देखना या शेयर करना ताकझांक (voyeurism) माना जाता है।
धारा 509: किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाली हरकतों या पोस्ट्स पर सजा हो सकती है।
धारा 500: किसी की मानहानि करने के लिए झूठी या आपत्तिजनक तस्वीर शेयर करने पर कार्रवाई संभव है।
Updated on:
27 Jul 2025 09:47 pm
Published on:
27 Jul 2025 09:46 pm