पारंपरिक विधि-विधान से प्रतिमाओं को कुंड में विसर्जित किया।
भक्तिमय वातावरण में श्रद्धालु परिवारों के साथ देवी मां को विदाई देने पहुंचे।
शहर में पांच सौ से अधिक पंडालों में मां दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की गई थी।
विसर्जन कुंड पर पहुंचते ही मां की जयकारों से पूरा वातावरण माता के जयकारों से गूंज उठा।
भक्त समूह बनाकर झांकियों और गीत-संगीत के साथ प्रतिमाओं को लेकर पहुंचे।