बस्सी @ पत्रिका. जयपुर विकास प्राधिकरण ने करीब बीस वर्ष पहले जेडीए के जोन 13 में जयपुर सिटी की भीड़भाड़ व प्रदूषण भरे माहौल से बचने के लिए जयपुर – आगरा रोड पर बस्सी के बैना़ड़ा मोड़ के समीप कल्पना नगर आवासीय योजना प्रस्तावित की थी, जिसमें करीब 192 हैक्टेयर भूमि में 4217 भूखण्ड काट कर परिवारों को बसाने की योजना बनाई थी, लेकिन यह आवासीय योजना अभी बस नहीं पाई है। या यूं कहा जा सकता है कि कल्पना नगर की कल्पना अभी अधूरी ही रह गई है।
जेडीए की इस आवासीय योजना में जेडीए ने करोड़ों रुपए लगा कर डामर सड़कें बनवाई, हर भूखण्ड पर बिजली कनेक्शन देने के लिए नया विद्यऊत जीएसस बना कर बिजली के खम्भे खड़े कर इन पर तार भी बिछा दिए थे। पानी की व्यवस्था के लिए यहां पर पानी की कई टंकिया भी बना दी, लेकिन एक भी आवास व मकान नहीं बना है। हालांकि जिन लोगों के भूखण्ड आवंटित है, उनमें से अधिकांश लोगों ने भविष्य को ध्यान में रख कर अपने भूखण्डों की चार दीवारी करा रखी है तो कईयों ने इंवेस्मेंट के लिए रख रखे हैं।
घाटा निवासी नारायण मीना ने बताया कि इस आवासीय योजना में उनका भी एक भूखण्ड है। यह योजना लॉच कब हुई यह तो पक्की जानकारी नहीं है, लेकिन इसमें वर्ष 2007 में समतलीकरण का काम चला था और वर्ष 2013 में सड़कों बन कर बिजली के खम्भे गाड कर तार बिछा दिए थे।
इस योजना के लिए वर्ष 2016 में बिजली का 33 / 11 केवी विद्युत निगम जीएसएस भी तैयार हो गया था। निगम ने पिछले तीन वर्ष पहले से इस जीएसएस को चालू कर ग्रामीण इलाकों में बिजली सप्लाई का काम शुरू कर दिया।
करोडा़ें की सड़कें पड़ी है सूनी….
जेडीए ने इस आवासीय योजना कल्पना नगर में करोड़ों रुपए खर्च कर हर ब्लॉक में डामरीकरण सड़कों का जाल बिछा दिया। यदि कॉलोनी बस जाती तो इन सड़कों पर वाहन चलते , लेकिन कॉलोनी नहीं बसने से आज ये सड़कें सूनी पड़ी है। आज ये सड़कें बिना वाहन डरावनी लग रही है। इन सड़कों पर कभी कभार कोई घूमन आने वाले लोग ही नजर आते हैं। रात के समय तो ये सड़कें डरावनी लगती है।
खम्भों से तार हो गए चोरी….
कल्पना नगर आवासी योजना में वर्षों पहले जब योजना प्रस्तावित हुई थी, तब हर ब्लॉक में जेडीए ने विद्युत निगम से बिजली के हजारों खम्भे लगवा कर इन पर तार भी बिछा दिए थे, लेकिन इन तारों में कभी करंट नहीं दौड़ा। नतीजा यह निकला कि समय निकलता गया और चोरों ने बिजली के खम्भों से तारों को चोरी करना शुरू कर दिया। आज हालात यह है कि बिजली के आधे भी खम्भों पर तार नजर नहीं आएंगे। अधिकांश तार व बिजली के खम्भों पर लगे बिजली की डी सर्किल व इंस्लूलेटर चोरी हो गए हैं। जिनके बारे में जेडीए ने कभी कोई ठोस पुलिस कार्रवाई भी नहीं करवाई।
कल्पना नगर विकसित नहीं होने का यह है कारण..
जयपुर विकास प्राधिकरण ने जब यह कॉलोनी आवंटित की थी, तब यहां पर जंगल था। एक ओर रेत के टीले तो दूसरी ओर पहााडि़यां थी। दूर – दूर तक आबादी नहीं थी। यहां से बस्सी शहर भी करीब आठ किलोमीटर दूर पड़ता है तो जयपुर की दूरी भी 20 किलोमीटर है। यही कारण है कि लोगों ने इस कॉलोनी में भूखण्ड तो खरीद लिए, लेकिन अभी यहां मकान कोई नहीं बनवा रहा है। हालांकि जेडीए ने क्ल्याणपुरा जेडीए की नई स्कीम प्रस्तावित है, यह योजना जल्दी विकसित हो रही है।
हर रविवार को सैंकड़ों की तादात में घूमने आते हैं लोग ….
कल्पना नगर के भूखण्डों में मकान तो नहीं बने, लेकिन यहां पर जयपुर व आसपास से लोग हर रविवार को घूमने आते हैं। यहां पर चौड़ी – चौड़ी सड़कें हैं, जिन पर कतई ट्रैफिक नहीं है। कई लोग तो यहां पर ड्राइविंग भी सीखने आते हैं।
रेत के टीलों में भी लेते हैं आनंद…
कल्पना नगर आवासीय योजना के समीप घाटा व भोजपुरा बैनाड़ा की पहाडि़यों के बीच रेत के टीले हैं। इन रेत के टीलों को जयपुर का मिनी रेगिस्तान कहा जाता है। यहां पर इन रेत टीलों पर सैंकड़ों लोग शाम के वक्त आते हैं, जो भरपूर आनंद लेते हैं।रील बनाने वालों की पसंदीदा जगह…
कल्पना नगर आवसीय योजना में इन दिनों मोबाइलाें से रील बनाने वाले भी बहुत लोग आते हैं। यहां पर लम्बी चौड़ी सड़कें, पहाड़ी का दृश्य एवं रेत टीलों पर सूर्यास्त के समय रील बनाने वाले लोगों की भरमार देखी जा सकती है। (कासं )