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यहां भी हैं स्ट्रीट डॉग्स, लेकिन अनोखी पहल से सब खुश

ग्रेटर तिरुपति रहवासी संघ की पहल...न डर, न विवाद, किया समाधान : कॉलोनी में फूड जोन और नसबंदी से कुत्तों पर नियंत्रण - कॉलोनी के 20 कुत्तों की नसबंदी

इंदौर। सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले और देशभर में कुत्तों को लेकर चल रही बहस के बीच इंदौर ग्रेटर तिरुपति रहवासी संघ ने फूड जोन से लेकर अन्य पहल की है। हालांकि इस संबंध में पहले से भी कई व्यवस्थाएं जारी है। कॉलोनी में कुत्तों की नसबंदी, वैक्सीनेशन और फूड जोन जैसी व्यवस्थाएं की गईं हैं, ताकि रहवासी भी सुरक्षित रहें और डॉग लवर की भावनाओं का भी सम्मान हो। कॉलोनी के सभी 20 कुत्तों की नसबंदी कर वैक्सीन लगवाई गई है।

यह किया गया कॉलोनी में

– सभी कुत्तों की नसबंदी कराई गई ताकि उनकी संख्या अनियंत्रित न बढ़े।

– एंटी-रेबीज़ वैक्सीन लगाकर रहवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई।

– नगर निगम के सहयोग से विशेष कार्यक्रम होते हैं, जिनमें आक्रामक कुत्तों की पहचान कर उनका उपचार और टीकाकरण किया जाता है।

बीच राह नहीं डालते खाना

कॉलोनी के लोगों ने इन्हें खाना देने के तय स्थान बनाए हैं, जहां निवासी नियमित रूप से कुत्तों को भोजन कराते हैं। अध्यक्ष सीमा जैसवानी खुद अपने खर्च से भी इसमें योगदान देती हैं। इसी तरह कॉलोनी के बुजुर्ग मंगल सिंह चौहान ने अपने घर पर ही कुत्तों के लिए फूड जोन बना रखा है। इसी तरह मयूरी मोदी,डॉ माधुरी रानडे, श्रेया और रीया केलकर, अजीत केलकर, सहित कई लोगों ने अलग से फूड जोन बना रखा है।

सुरक्षा में भी मददगार

अध्यक्ष सीमा जैसवानी के अनुसार, कुत्ते कॉलोनी के ही साथी हैं। रात में पहरा देकर चोरी रोकी है। बहन-बेटियों को असामाजिक तत्वों से बचाया है। कॉलोनी की सुरक्षा में उनकी बड़ी भूमिका है, इसलिए हमें उनके प्रति संवेदनशील रहना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन

– पकड़े गए कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण कर उन्हें उसी जगह छोड़ा जाए।

– आक्रामक और रेबीज़ से संक्रमित कुत्ते शेल्टर होम में ही रखे जाएं।

– पब्लिक प्लेस में कुत्तों को खाना न दिया जाए, बल्कि तय स्थान बनाए।