देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस की घड़ी नजदीक है, लेकिन जैसलमेर में देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले नायकों के स्मृति स्थलों पर अनदेखी का ग्रहण लगा हुआ है। अमर शहीद सागरमल गोपा के स्मारक से लेकर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू की प्रतिमा तक को लेकर जिम्मेदारों की उदासीनता साफ दिख रही है। स्वतंत्रता दिवस से पहले पत्रिका की पड़ताल में यह बात सामने आई कि यहां इन स्मारकों की दशा सुधारने या संरक्षण करने का कोई प्रयास नहीं हो रहा है।
नेहरू प्रतिमा का अनावरण अब भी लंबित
जैसलमेर के हनुमान चौराहा स्थित नेहरू पार्क में करीब तीन साल पहले 7.5 फुट ऊंची आदमकद प्रतिमा स्थापित की गई थी, जिसका वजन 790 किलो है और निर्माण में करीब 17 लाख रुपए खर्च हुए थे। इसके बावजूद प्रतिमा का अनावरण नहीं हो पाया है। प्रतिमा को ढकने वाला कपड़ा तक अब कट-फट चुका है। नेहरू पार्क की जीर्णोद्धार में तीन करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी जिम्मेदार इस महत्वपूर्ण कार्य को पूरा नहीं कर सके। पार्क में प्रतिदिन बड़ी संख्या में स्थानीय और विदेशी सैलानी आते हैं, लेकिन कपड़े में लिपटी प्रतिमा देख कर वे आश्चर्यचकित हो जाते हैं।
गोपा स्मारक भी उपेक्षित हालत में
गड़ीसर प्रोल में स्थित अमर शहीद सागरमल गोपा के स्मारक की दशा पिछले कई दशकों से जस की तस बनी हुई है। स्मारक की साफ-सफाई नहीं होती, आसपास कचरा जमा रहता है और सडक़ें टूटी-फूटी हैं। प्रतिमा धूल-मिट्टी से धूमिल हो चुकी है तथा उस पर लिखित इतिहास भी अब पढऩा मुश्किल हो गया है। शहीद के बलिदान की गाथा समय के साथ कमजोर पड़ती जा रही है।