जगदलपुर . छत्तीसगढ़ में गुरुवार से करीब 3000 जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। इसके साथ ही बस्तर के जूनियर डॉक्टरों ने भी हड़ताल करते हुए धरना प्रदर्शन किया। इसके चलते बस्तर के सबसे बड़े अस्प्ताल डिमरापाल मेडिकल कॉलेज की स्थिति बिगड़ गई है। जूनियर डॉक्टर्स ही मरीजों का ज्यादा ध्यान रखते हैं । जिनके हड़ताल पर जाने से परिजनों को ईलाज के लिए परेशानीयों का सामना करना पड़ा।
चार सालों से मानदेय में नहीं हुई वृद्धि
जूनियन डाक्टरों का कहना है कि कि पिछले चार सालों से छात्रों के मानदेय में बढ़ोतरी नहीं की गई है। अभी तक हाथों में काली पट्टी बांधकर काम कर रहे थे। सरकारी अस्पतालों में ज्यादातार काम जूनियर डॉक्टर और इंटर्न के भरोसे रहता है। इसके चलते अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। प्रदेश में नौ मेडिकल कॉलेज हैं, जूनियर डॉक्टरों की इस हड़ताल से इन कॉलेजों के अस्पतालों में कार्यरत जूनियर डॉक्टर, इंटर्नस, बोंडेड डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज के छात्र शामिल हैं। इधर मरीज दिन भर परेशान होते रहे।
पत्राचार और बैठकों के बाद भी हल नहीं
जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के शिशु वार्ड में पदस्थ्य डॉक्टर पुष्पराज प्रधान ने बताया कि वर्तमान में जूनियर रेसीडेंट को दिया जा रहा मानदेय अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है। इसके लिए पिछले दो सालों से लगातार पत्र और बैठक के माध्यम से वृद्धि के लिए प्रस्ताव भेज रहे हैं, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में पोस्ट पीजी बॉड डॉक्टर्स को न केवल अपनी श्रेणी से कम बल्कि अपने से निचली श्रेणी से भी कम मानदेय दिया जा रहा है। कई बार बैठकें भी हो चुकी हैं, लेकिन नतीजा नहीं निकला, इसके चलते प्रदेश भर के जूनियर डॉक्टरों ने विरोध जताया है।