बीजापुर . आदिवासी बहुल जिले बीजापुर के किसानों ने बीते कुछ समय से कृषि को लाभ के अवसर के रूप में देखना शुरू कर दिया है। जिसका परिणाम है की अब किसान कीट नाशको के छिड़काव के आधुनिकतम तरीके पर भी दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी है। कृषि विभाग के संयुक्त संचालक प्रताप कुसरे ने पत्रिका को बताया कि जिले में कुल कृषि रकबा ८४ हजार हेक्टेयर है जिसमे खरीफ सीजन में ७७ हजार हेक्टेयर में फसल ली जाती है। इसके साथ ही रबी सीजन के फसलों में किसानों की दिलचस्पी अब बढ़ने लगी है जिसका कुल रकबा ५ हजार ३ सौ हेक्टेयर है। बीते सालों की तुलना में नगदी फसल के रूप में सब्जियों की खेती अब शुरू हो रही है। जिले में २८ हजार ९३ किसान हैं जिनमे उन्नत किसानों की संख्या में अब बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
कृषि वैज्ञानिक और बीजापुर कृषि विज्ञान केंद्र प्रमुख भूपेंद्र ठाकुर ने पत्रिका को बताया की बीते जनवरी को केवीके में किसानों को ड्रोन पद्धति से कीट नियंत्रण पर कार्यशाला आयोजित की गई थी। जिसमे किसानों ने ड्रोन के माध्यम से कीट नाशक के इस्तेमाल को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। भूपेंद्र ठाकुर ने बताया की ड्रोन तकनीक से कीट नाशक के छिड़काव से जहां एक ओर समय की बचत होगी वहीं दूसरी ओर कृषि श्रमिक समस्या से जूझते किसानों को भी राहत मिलेगी।
रिमोट कंट्रोल से होगा ऑपरेट – केवीके के कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार यह ड्रोन करीब दो लीटर क्षमता के साथ करीब ५ सौ मीटर दूरी तक रिमोट कंट्रोल से ऑपरेट होगा। इसके इस्तेमाल से किसानों को कीट पतंगों का हमले से जल्दी निजाद मिलेगी। किसानों को पर्याप प्रशिक्षित कर इसके प्रयोग को आसान बनाया जा सकता है।