Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

भारत

पाकिस्तानी सेना की घिनौनी करतूत, PoK में बेगुना लोगों पर बरसाई गोलियां

बुधवार को हिंसा सबसे ज़्यादा भड़क गई। जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर खुलेआम फायरिंग करदी।

भारत

image

Pankaj Meghwal

Oct 01, 2025

पाक अधिकृत कश्मीर यानी पीओके में हालात बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं। लगातार तीसरे दिन उग्र प्रदर्शन हो रहे हैं और अब तक कम से कम 10 कश्मीरी नागरिकों की मौत हो चुकी है। बुधवार को हिंसा सबसे ज़्यादा भड़क गई। जिसके बाद पाकिस्तानी सेना ने निहत्थे प्रदर्शनकारियों पर खुलेआम फायरिंग करदी। इस गोलीबारी में बाघ ज़िले के धिरकोट में चार, मुज़फ़्फ़राबाद और मीरपुर में दो-दो लोग मारे गए। इससे पहले मंगलवार को मुज़फ़्फ़राबाद में पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई में दो लोगों की मौत हो चुकी थीं।

पीओके में चल रहे इन विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व आवामी एक्शन कमेटी, यानी एएसी कर रही है। पिछले 72 घंटों से पूरा इलाका ठप पड़ चुका है। बाज़ार, दुकानें और व्यापार सब बंद हैं। सार्वजनिक परिवहन भी पूरी तरह से रुका गया है। इसके बावजूद एएसी का लंबा मार्च जारी है। सुरक्षा बलों की भारी तैनाती और कार्रवाई भी लोगों को रोक नहीं पाई है। बुधवार सुबह प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बड़े-बड़े शिपिंग कंटेनरों को पुल से नीचे फेंक दिया। ये कंटेनर मार्च को रोकने के लिए रखे गए थे। लेकिन विरोध करने वालों ने दर्जनों की संख्या में आकर इन कंटेनरों को ज़बरदस्ती धक्का देकर नदी में गिरा दिया। प्रदर्शन के ये वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

दरअसल पीओके के लोगों ने पाकिस्तान सरकार से कुल 38 मांगें रखी हैं। इनमें पाकिस्तान में रहने वाले कश्मीरी शरणार्थियों के लिए आरक्षित 12 विधानसभा सीटों को खत्म करना सबसे अहम है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इन सीटों के जरिए बाहरी दखल बढ़ता है और उनकी आवाज़ दब जाती है। एएसी के नेता शौकत नवाज़ मीर ने कहा है कि यह आंदोलन 70 सालों से छिनते आए मौलिक अधिकारों की लड़ाई है। उनका साफ संदेश है — या तो अधिकार दो या फिर जनता के गुस्से का सामना करो। उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि बुधवार की हड़ताल तो सिर्फ़ “प्लान ए” था। अगला कदम और ज़्यादा सख़्त हो सकता है — जिसे वो “प्लान डी” कह रहे हैं।

वहीं इस आंदोलन के जवाब में पाकिस्तान सरकार ने भी सख़्ती दिखाई है। पीओके में अब भारी हथियारों से लैस सुरक्षाबलों की पेट्रोलिंग शुरू हो चुकी है। पंजाब प्रांत से अतिरिक्त सुरक्षाबलों को पीओके भेजा गया है, साथ ही इस्लामाबाद से 1000 और जवान भेजे गए हैं। इसके अलावा इस पूरे इलाके में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है ताकि घटना की जानकारी और वीडियो ज़्यादा न फैल सकें।

बता दें कि इन प्रदर्शनों से कुछ ही दिन पहले ख़ैबर पख़्तूनख़्वा में पाकिस्तानी एयरफोर्स द्वारा किए गए हवाई हमलों में 30 नागरिकों की मौत हो गई थी। जिसमें तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के उपर कार्रवाई के नाम पर जे-17 लड़ाकू विमानों से चीन में बने एलएस-6 लेज़र-गाइडेड बम गिराए गए थे। इन सब घटनाओं ने पूरे पाकिस्तान में गुस्से का माहौल बना दिया है — और पीओके के लोग अब खुलकर सरकार के ख़िलाफ़ सड़कों पर हैं।