अहमदाबाद शहर के सिविल अस्पताल में 12 घंटों के भीतर दो ब्रेनडेड मरीजों के 10 अंगों का दान किया गया। इनमें दो लिवर, चार किडनी, चार आंख व एक त्वचा का दान शामिल है। दान में मिले इन अंगों का उपयोग 11 जरूरतमंद मरीजों को हो सकेगा।जानकारी के मुताबिक अहमदाबाद के राणिप की रहने वालीं रतन वाघेला (50) गत दो अगस्त को शहर में सड़क दुर्घटना में घायल हो गईं थीं। इस दौरान सिर में गंभीर चोट लगने के कारण उन्हें पहले इमरजेंसी 108 एम्बुलेंस से सोला सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें अहमदाबाद सिविल अस्पताल रेफर किया गया। सिविल अस्पताल में दो दिनों के गहन उपचार के दौरान सोमवार को चिकित्सकों ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया। मौके पर मौजूद रतन के पुत्र और परिवार ने चिकित्सकों के परामर्श को ध्यान में रख कर अंगदान का निर्णय किया। ब्रेनडेड महिला की दो किडनी, एक लिवर, दो आंखें और एक त्वचा का दान किया गया।
दूसरे मामले में पोरबंदर निवासी हाजाभाई (41) को एक दुर्घटना में सिर में गंभीर चोटें लगने पर उन्हें पोरबंदर के सिविल अस्पताल के बाद राजकोट के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। इसके बाद हाजाभाई को गत सोमवार को अहमदाबाद सिविल अस्पताल रेफर किया। 48 घंटे तक गहन उपचार के बावजूद उनकी हालत में सुधार नहीं होने पर विशेष जांच की गई, जिसके बाद चिकित्सकों ने उन्हें ब्रेनडेड घोषित कर दिया। हाजाभाई के परिजनों ने भी अस्पताल के चिकित्सकों के परामर्श पर अंगदान का निर्णय किया। उनकी भी दो किडनी, लिवर और आंख का दान स्वीकार किया।
204 ब्रेनडेड मरीजों के अंगों से 651 को मिला नया जीवन
पिछले लगभग चार वर्षों में अस्पताल में 204 ब्रेनडेड मरीजों के अंगों से 651 लोगों की जान बचाई जा सकी है। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने बताया कि अब लोग अंगदान के वास्तविक महत्व को समझने लगे हैं। जिसके कारण पिछले कुछ वर्षों में अंगदान में वृद्धि हुई है।
अंगों में सबसे अधिक 342 किडनी मिली दान में
डॉ. जोशी ने बताया कि इन 204 ब्रेनडेड मरीजों के दान में मिले अंगों में से सबसे अधिक 372 किडनी हैं। जबकि 179 लिवर, 65 हृदय, 32 फेफड़े, 14 पेंक्रियाज, दो छोटी आंतें, 22 त्वचा और 142 आंखें भी दान में मिली हैं।——————