एक्सक्लूसिव
अतुल पोरवाल
उज्जैन. शिक्षा के गढ़ रहे उज्जैन में कभी सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करने कृष्ण मथुरा-वृंदावन से आए थे। 195६ में स्थापित विक्रम विश्वविद्यालय का डंका अब दुनिया में बजने लगा है। 2४३ डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स संचालित कर रहे विश्वविद्यालय में दक्षिण अफ्रीकी के साथ दक्षिण एशियाई देश के विद्यार्थी रुचि दिखा रहे हैं। 2022-23 सत्र के लिए 27 देशों के 10२ विद्यार्थियों ने विभिन्न कोर्स के लिए आवेदन किए हैं। विवि ने इनमें से 37 के आवेदन स्वीकार भी कर लिया है। अब तक दो छात्र एडमिशन भी ले चुके हैं।
दो साल में तीन विदेशी विद्यार्थी आए
प्रो. एसके मिश्रा ने बताया कि करीब 20 साल की लंबी खेंच के बाद विक्रम विश्वविद्यालय को लेकर विदेशी विद्यार्थियों में आकर्षण बढ़ रहा है। 2021-22 सत्र में विदेश से 123 आवेदन आए थे, जबकि 2022-2023 में 10२ आवेदन आ चुके हैं। दो वर्षों में तीन विद्यार्थी यहां एमएससी माइक्रो बॉयोलाजी, एमकॉम और बीकॉम में प्रवेश ले चुके हैं। पिछले सत्र में तंजानिया के छात्र योनाह मेग्नी ने एमकॉम में प्रवेश लिया था। जबकि इस सत्र में बोत्सवाना की छात्रा प्रिंसेस साओनी ने माइक्रो बॉयोलॉजी से एमएससी तथा सुडान के छात्र मो. अब्दुल लतीफ मुर्तदा ओमेर ने बीकॉम प्रथम वर्ष में एडमिशन लिया है।
साख बढऩे के साथ आमदनी में भी इजाफा
विदेशी छात्रों से न केवल यूनिवर्सिटी की अंतरराष्ट्रीय साख बढ़ती है बल्कि आमदनी में भी इजाफा होता है। विदेशी विद्यार्थियों से करीब तीन गुना फीस ली जाती है। अंतरराष्ट्रीय शिक्षा जगत में हमारी शिक्षा का महत्व बढ़ेगा। साथ आर्थिक लाभ भी होगा। सवाल यह कि उज्जैन की विक्रम विश्वविद्यालय ही क्यों? विशेषज्ञ कहते हैं, दक्षिण अफ्रीकी देशों में भारतीय डिग्री कोर्सेस को विशेष महत्व मिलता है। साथ ही भारत में शिक्षा के लिए आना दक्षिण अफ्रीकी देशों में स्टेटस सिंबल भी है।
तंजानिया-नाइजरिया के विद्यार्थियों के आवेदन सर्वाधिक
देश छात्रों की संख्या
तंजानिया २८
नाइजरिया १०
सुडान ०७
मलावी ०६
साउथ सुडान ०६
इथोपिया ०५
अंगोला ०४
बोत्सवाना ०४
घाना ०४
स्वाजिलैंड ०३
यूगांडा ०३
बंग्लादेश ०३
यमन ०३
सियरालियोन ०२
जिंबावे ०२
सिरिया ०२
फिलिस्तिन ०१
मॉरिशस ०१
लाइबेरिया ०१
तुर्कमेनिस्तान ०१
लिसेथो ०१
सौमालिया ०१
बुरूंडी ०१
गांबिया ०१
मिश्र(इजिप्ट) ०१
रंवाडा ०१
हम अपने विक्रम विश्वविद्यालय को विश्वस्तर पर नई पहचान दिला रहे हैं। पिछले दो वर्षों से विदेशी छात्रों की विक्रम विवि की ओर रूचि बढ़ रही है। इन दो वर्षों में तीन विदेशी छात्रों ने हमारे यहां एडमिशन लिया है। इस सत्र में प्रवेश के लिए १०० से अधिक आवेदन आए हैं। हमारे विवि में जल्द ही विदेशी छात्रों की संख्या बढ़ेगी।
-प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय
कुलपति, विक्रम विवि
Published on:
18 Sept 2022 11:48 am