पत्रिका एक्सक्लूसिव
अतुल पोरवाल
उज्जैन.
प्रदेश भर के लिए अब तक अनुमानित पूर्वानुमान भोपाल के फोरकास्ट सेंटर (मौसम केंद्र) से जारी किए जाते हैं। जबकि हर जिले में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित होना चाहिए। हालांकि अधिकांश जिलों में मौसम मापी मशीने लगी हुई है, लेकिन खराब होने से इन्हें बदलकर ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन के रूप में विकसित किय जाना है। पहले चरण में देशभर के २०० स्टेशनों में मप्र के १६ जिलों में ऑटो वेदर स्टेशन स्थापित हो चुके हैं, लेकिन उज्जैन अब भी इससे दूर है। बता रहे हैं कि प्रशासकीय अनदेखी से जगह नहीं मिलने से इसका इंस्टालेशन पेंडिंग है।
मौसम विभाग के पुणे मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक सेकेंड फेस में मप्र के सभी पर्यटक व धार्मिक शहरों में ऑटठोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित किए जाने हैं। गौरतलब है कि पहले चरण में प्रदेश के करीब १६ जिलों में इसका इंस्टालेशन किया जा चुका है। इनमें प्रदेश की राजधानी भोपाल संभाग का सबसे पहला ऑटो वेदर स्टेशन राजगढ़ में स्थापित किया गया था। आधुनिक तकनीक से समावेशित इस स्टेशन से रियल टाइम फोरकास्ट, मौसमी पूर्वानुमान, फसल कीट व रोग प्रबंधन की जानकारी मिलेगी। वहीं संयंत्र के ऑटो अपडेट डाटा के आधार पर सरकार व बीमा कंपनियां फसल बीमा का लाभ तय कर सकेंगी। इस स्टेशन से नमी, हवा, मिट्टी के तापमान व धूप की भी सटीक जानकारी मिलेगी।
मप्र के कुछ जिलों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं। जबकि टूरिस्ट प्लेसेस व रिलिजियस शहरों के लिए प्रपोजल अप्रूव्ड है। उज्जैन, पन् ना, अमरकंटक जैसे जिलों में लि कंपनी को ऑर्डर फाइनलाइज हो गया था, लेकिन कुछ परेशानी के कारण इंस्टालेशन शुरू नहीं हो पाया। उज्जैन जल्द ही ऑटोमेटिक वेदर कास्ट से जुड़ जाएगा।
- आर. बालासुब्रमण्यम, डायरेक्टर, मौसम विभाग, पुणे
अपडेट होते रहेंगे 6 आंकड़े
ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन से लेटेस्ट जानकारी मिलती रहेगी, क्योंकि इससे हर १५ मिनट में सबसे ज्यादा जरूरी ६ आंकड़े अपडेट होते रहेंगे। इनमें..
- तापमान की जानकारी।
- जमीन से 10 व 40 फीट की ऊंचाई पर हवा की स्पीड तथा दिशा की जांच।
- बारिश के आंकड़ों का संग्रहण।
- सापेक्षिक आद्र्रता की जांच।
- चार कडिय़ों में 10, 30, 50 सेमी के साथ 1 मीटर गहराई में मिट्टी के तापमान की स्थिति।
- दिन में सूरज की चमक के समय की गणना यानी सोरकाल की जानकारी।
सेकेंड फेस में ये जिले
उज्जैन के साथ खजुराहो, अमरकंटक, पन्ना, मांडवगढ़(मांडू), पचमढ़ी जैसे २० जिलों में ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।
ऐसे काम करता है वेदर स्टेशन
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक वेदप्रकाश सिंह चंदेल ने बताया कि ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन एडवांस तकनीक वाला है, जिससे वायुमंडल की लेटेस्ट व मकनिकी जानकारी मिलती है। मौसम विभाग इससे प्रत्येक जिले के मौसम की सटीक जानकारी उपलब्ध करा सकता है।
Published on:
13 Sept 2022 01:11 pm