अतुल पोरवाल
उज्जैन.
मेहनत करने वाले के लिए कठिन राहें भी आसान हो जाती है। पूरे प्रदेश में जहां प्याज की कीमत नहीं मिलने से फेंकने की खबरें बाजार गर्म कर रही है, वहीं उज्जैन जिले के एक किसान ने जागरूकता दिखाते हुए प्याज का घरेलु उद्योग शुरू कर दिया। तीन माह पहले प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग उन्नयन योजना में शुरू किए फूड प्रोसेसिंग प्लांट में किसान अब तक ८५० क्विंटल प्याज की चिप्स व पाउडर बनाकर सप्लाय कर चुका है। अब तक अपने खेत की फसल को बाजार में बचने वाला किसान अब बाजर से प्याज खरीद रहा है।
यह कहानी उज्जैन जिले के छोटे से गांव भोलाखेड़ी के ४० वर्षीय युवा किसान सुरेश नागर की है। उसने तीन महीने पहले अपना फूड प्रोसेसिंग प्लांट शुरू किया, जिसमें अब तक ८५० क्विंटल प्याज की प्रोसेसिंग से चिप्स व पाउडर बनाकर मसाला उद्योग में सप्लाय कर चुका है।
सरकार से मिली मदद
उद्यानिकी उप संचालक सुभाष श्रीवास्तव के अनुसार प्रदेश सरकार की एक जिला एक उत्पादन योजना में उज्जैन जिले को प्याज मिला है। वहीं केंद्र सरकार प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग उन्नयन योजना में किसान का प्रोजेक्ट पास हुआ और उसने इसकी मदद से २९ लाख रुपए का घरेलु उद्योग शुरू कर दिया। इसमें सरकार की ओर से ३५ प्रतिशत सब्सिडी व बैंक ब्याज पर ३ प्रतिशत की छूट है।
यह है किसान का ग्राफ
किसान सुरेश नागर पिछले १० वर्ष से तीन हेक्टेयर खेत पर प्याज की खेती कर रहा है। अब तक वह प्याज उगाकर बाजार में बेचता रहा, लेकिन जब एक जिला एक उत्पाद में प्याज का नंबर लगा तो उसने कुछ नया करने की कोशिश की और इसमें विभागीय अफसरों का पूरा सहयोग रहा।
फार्मा में लगती है प्याज की चिप्स
हार्ट व दमे से संबंधित दवाइयां बनाने वाली फार्मा कंपनियों को प्याज के चिप्स की आवश्यकता होती है। इसके अलवा गल्फ कंट्री में प्याज का उत्पादन नहीं होता है, जहां लंबे समय तक चलने वाले प्याज के पाउडर व चिप्स की डिमांड रहती है। इसके अलावा ओनियन फ्लेवर में आने वाली आलू चिप्स व अन्य सामग्री में प्याज के पाउडर का इस्तेमाल हो रहा है। इन सभी बातों का अध्ययन कर किसान आगे बढऩे की प्लानिंग कर रहा है।
गुजरात, महाराष्ट्र व साउथ में सप्लाय
अभी गुजरात के महुआ, महाराष्ट्र व साउथ के मसाला उद्योग में प्याज की चिप्स व पाउडर खरीदे जा रहे हैं।
आर्थिक मदद से ही बनी बात
किसानी से उद्योग की राह में प्रवेश करने वाले किसान सुरेश नागर ने बताया कि एक साथ खेती और उद्योग में रकम लगाने के लिए आर्थिक रूप से हिम्मत नहीं थी। प्रधानमंत्री सूक्ष्म उद्योग उन्नयन योजना में जब प्रोजेक्ट पास हो गया तो पंजाब नेशनल बैंक ने भी अपनी कागजी कार्रवाई कर लोन पास कर दिया। नागर का कहना है कि अभी कारोबार छोटे स्तर पर है, लेकिन आने वाले समय में वे इसे बड़ा बनाकर दिखाएंगे।
Published on:
17 Oct 2022 04:18 pm