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स्मार्ट सिटी में पानी सप्लाई स्मार्ट नहीं, वॉलसिटी में हर दिन बर्बादी

वॉलसिटी में 24 घंटे पानी सप्लाई का सपना अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। करोड़ों खर्च करने के बावजूद न तो समान दबाव से पानी पहुंचा और न ही लोगों में जिम्मेदारी की समझ आई। आज हालात यह है कि 17 एमएलडी सप्लाई के बावजूद एक चौथाई पानी सडक़ पर बह रहा है।

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जल सप्लाई के दौरान पंप से पानी खींचते हुए।

उदयपुर. वॉलसिटी में 24 घंटे पानी सप्लाई का सपना अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। करोड़ों खर्च करने के बावजूद न तो समान दबाव से पानी पहुंचा और न ही लोगों में जिम्मेदारी की समझ आई। आज हालात यह है कि 17 एमएलडी सप्लाई के बावजूद एक चौथाई पानी सडक़ पर बह रहा है।

स्मार्ट सिटी ने कनेक्शन के बाद स्मार्ट मीटर लगाए तो लोगों ने बिल बचाने के फेर में छेड़छाड़ करते हुए गड़बडिय़ां कर दी तो कुछ ने अवैध कनेक्शन ले लिए। लीकेज व अल्पदाब, मीटर रीडिंग व पानी के समय को लेकर अधिकारी कभी जनता की समस्या का हल नहीं कर पाए तो जनता भी पानी के सिस्टम को नहीं समझ पाई। स्मार्ट सिटी की ओर से अभी वॉल सिटी में जरूरत के मुताबिक दो से ढाई घंटा 17 एमएलडी पानी पांतरे सप्लाई किया जा रहा है, लेकिन कुछ घाटी वाले इलाके में अल्पदाब के कारण पानी की सप्लाई कम हो रही है।

यह थी योजना, हकीकत में नहीं हुई पूरी

- स्मार्ट सिटी ने वॉलसिटी को 24 घंटे जलापूर्ति का वादा किया था।

- 21 करोड़ की लागत से वाटर ट्रिटमेंट प्लांट और 17 एमएलडी सप्लाई शुरू हुई।

- हर घर पानी सप्लाई करना,स्मार्ट मीटरिंग,लीकेज मुक्त नेटवर्क था लक्ष्य

हकीकत

- सप्लाई रोजाना सिर्फ 2 से 2.50 घंटे।

- अल्पदाब से ऊंचाई वाले इलाकों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा।

- चौथाई पानी सडक़ पर व्यर्थ बह रहा।

- लोग गाडिय़ां धोने, धुलाई करने और टंकी भरने के बाद भी पानी बर्बाद कर रहे हैं

पानी की चोरी करने में भी कम नहीं लोग

- अवैध कनेक्शन और चोरी

- कई उपभोक्ता लाइन में अवैध कनेक्शन बाइपास लाइन या पंप लगाकर सप्लाई सिस्टम को बिगाड़ रहे हैं।

- बेतरतीब इस्तेमाल- लोग पानी काे व्यर्थ बहा रहे हैं, कहींनल खुला है तो कहीं बागवानी, वाहन धुलाई हो रही है।

- मीटर से छेड़छाड़ - स्मार्ट वॉटर मीटर लगने पर बिल कम आने के फेर में हेराफेरी कर रहे हैं।

- सप्लाई के लिए उपभोक्ताओं से नियमित बिल वसूला जाता है। गरीब तबकों को यह महंगा लगता है।

- उच्च इलाकों में दबाव कम और निचले इलाकों में ज़्यादा होने से असमानता रहती है।

यह कर रखी है अभी व्यवस्था

- 21 करोड़ की लागत से माछला मगरा में वाटर ट्रिटमेंट प्लांट लगा रखा

- 17 वार्डो में इस डल्ब्यूटीपी से पानी पांतरे दो से ढाई घंटे हो रहा सप्लाई

- 18 एमएलडी (मिलीयन लीटर प्रतिदिन) पिछोला से पानी पंप किया जा रहा

- 17 एमएलडी पानी प्रतिदिन वॉलसिटी में किया जा रहा सप्लाई

- ऑटोमेटिक ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम कर रखा है