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दो साल से टॉर्चर कर रहे हैं… अब सहन नहीं होता, बाकी भगवान देख रहे होंगे, लिख छात्रा ने दी जान

उदयपुर में निजी मेडिकल कॉलेज में बीडीएस फाइनल इयर की छात्रा ने दी जान, कॉलेज प्रशासन पर रुपए नहीं देने पर टॉर्चर करने का आरोप, दो कार्मिक निलंबित

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उदयपुर। सुखेर थाना क्षेत्र के एक निजी मेडिकल कॉलेज में बीडीएस फाइनल इयर की छात्रा ने हॉस्टल रूम में फंदा लगाकर जान दे दी। सुसाइड नोट में छात्रा ने कॉलेज प्रशासन पर रुपए नहीं देने पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया। घटना के विरोध में विद्यार्थियों ने प्रबंधन के विरुद्ध जमकर प्रदर्शन किया। मामले में प्रबंधन ने दो कार्मिकों को सस्पेंड कर दिया है। कार्मिकों पर विद्यार्थियों से गलत तरीके से रुपए लेने का आरोप है।

इकलौती बेटी थी छात्रा

पुलिस ने बताया कि बीडीएस की छात्रा जम्मू निवासी श्वेता सिंह (25) सुसाइड कर लिया। छात्रा हवलदार बलवंतसिंह की इकलौती बेटी थी। छात्रा की मौत की सूचना कॉलेज के विद्यार्थी प्रदर्शन पर उतर आए। साथी छात्राओं ने बताया कि श्वेता एग्जाम के लिए डेढ़ साल से चक्कर काट रही थी।

यह लिखा सुसाइड नोट में

छात्रा ने लिखा कि दो साल से टॉर्चर कर रहे हैं। हमारा बैचमेट इंटर्न बन चुका है। उनको भी 2-3 माह हो गए। हमारा अभी फाइनल इयर का फस्र्ट इंटरनल हो रहा है। वो भी फोर्सफुली जूनियर के साथ। झूठ बोला कि दो माह के अंदर एग्जाम ले लेंगे, लेकिन 2 साल से ज्यादा हो गए। भगवान जाने डिग्री कब मिलेगी। फाइनल इयर खत्म कब होगा। बहुत टॉर्चर किया इन्होंने। शायद मैं अब एक्सप्लेन करने की हिम्मत में नहीं हूं। हमारा कॅरियर खराब कर दिया है। पैसे लेकर न जाने कितने बच्चों को, जो कभी कॉलेज नहीं आए। कभी मुंह दिखाने कॉलेज नहीं आए। उनको पास कर दिया। अपने मन से बच्चा फेल कर दो और ऑड बेंच बना दो। पैसा दे बच्चा तो ठीक, वरना उनका खून पीते रहें। इनका और ड्रामा झेलने की मेरी कैपिसिटी नहीं है। अगर इंडिया में जस्टिस मिलता है तो प्लीज भगवत को परमानेंट जेल में डाल दो। उनको भी सेम टॉर्चर फील हो, जो बच्चों को फील हो रहा है। वरना कोई बात नहीं। मुझे पता है इंडिया में कितना जस्टिस मिल सकता है। मैं यहां सिरदर्दी से फ्री होना चाहती थी, तो मैं हो गई, बाकी भगवान देख रहे होंगे।

रूम मेट ने बताया घटनाक्रम

श्वेता पहले हॉस्टल के छठे फ्लोर पर रहती थी। एक सप्ताह पहले ही उसने कमरा बदला और ग्रांउड फ्लोर के कमरे में आ गई। गुरुवार रात 9 बजे उसने पुराने कमरे में कुछ सामान रहना बताते हुए लेने गई। रात 11 बजे तक नहीं लौटी तो उसकी साथी छात्रा ऊपर गई। छठे फ्लोर का कमरा खुला था। अंदर श्वेता का शव फंदे पर लटका हुआ था। सूचना पर हॉस्टल में हल्ला मच गया।