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निकायों में नहीं चलेगा ऑफलाइन सिस्टम, उल्लंघन पर होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई

राज्य सरकार ने नगर निकायों में पारदर्शिता के लिए पट्टों और अन्य प्रमुख सेवाओं के ऑफलाइन निस्तारण पर पूरी तरह रोक लगा दी है।

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उदयपुर. राज्य सरकार ने नगर निकायों में पारदर्शिता के लिए पट्टों और अन्य प्रमुख सेवाओं के ऑफलाइन निस्तारण पर पूरी तरह रोक लगा दी है। स्वायत्त शासन विभाग ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अब कोई भी प्रकरण ऑफलाइन निस्तारित हुआ तो वह स्वत: शून्य माना जाएगा और संबंधित अधिकारी, कर्मचारी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी।

राज्य सरकार की ओर से लंबे समय से प्रयास किए जा रहे थे कि नगरीय निकायों में पट्टा सहित प्रमुख सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन किया जाए। इस संबंध में 10 फरवरी 2023 व 10 जनवरी 2024 को आदेश जारी कर समस्त सेवाओं की ऑफलाइन प्रक्रिया बंद कर दी थी। इसके बावजूद कई निकायों में अब तक कार्य ऑफलाइन ही किए जा रहे थे, जिससे गड़बड़ी, रुकावट और पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे थे। स्वायत्त शासन विभाग ने ऐसी स्थिति को गंभीर मानते हुए 7 अप्रेल 2025 को ई-पट्टा व्यवस्था लागू की थी, जिसके तहत एकल हस्ताक्षर से पट्टे जारी किए जाने लगे। बावजूद इसके कई स्थानों पर ऑफलाइन पट्टे और आदेश जारी होने की शिकायते मिली।

सरकार ने एक बार फिर सख्त रुख अपनाते हुए सभी ऑफलाइन आदेश व पट्टों को निरस्त घोषित कर दिया है। विभाग ने स्पष्ट किया है कि अब कोई भी अधिकारी या कार्मिक किसी प्रकरण का ऑफलाइन निस्तारित करेगा तो उसके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

इन 13 सेवाओं में ऑफलाइन पूरी तरह बंद

नाम हस्तांतरण, मोबाइल टावर एवं ओएफसी, फायर एनओसी, सीवर कनेक्शन,ट्रेड लाइसेंस, भवन निर्माण स्वीकृति, साइनेज लाइसेंस, 90-क की अनुज्ञा/ले-आउट, पट्टा,प्रॉपर्टी आईडी, उपविभाजन/पुनर्गठन, लीज डीड (पट्टा)/ फ्री होल्ड पट्टा, लीज मनी डिपॉजिट/लीज मुक्ति प्रमाण पत्र, स्ट्रीट वेंडिंग लाइसेंस

अब क्या होगा

इन सभी सेवाओं से जुड़े आवेदन और अनुमतियां अब केवल ऑनलाइन ही होगी। आमजन को इसके लिए संबंधित नगर निगम, नगर परिषद या नगर पालिका कार्यालयों में ऑनलाइन प्रक्रिया अपनानी होगी। विभाग का कहना है कि इससे पारदर्शिता बनी रहेगी और अनियमितताओं पर रोक लग सकेगी।