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नारेली जैन मंदिर- अजमेर शहर से दस किलोमीटर दूर किशनगढ़-ब्यावर बाईपास पर नारेली गांव के पास तीन सौ बीघा क्षेत्र में बने इस तीर्थ क्षेत्र की स्थापना तीस जून 1995 में जैन मुनि पुंगव श्री सुधासागर जी महाराज की प्रेरण से की गई थी। मुनि श्री के सान्निध्य में सिंह द्वार का शिलान्यास 16 सितंबर 2000 को किया गया। लाल पत्थर से बना यह द्वार 81 फीअ उंचा है। तलहटी में बने जिनालय मे ागवान ऋषादेव की 21 फीट की पद्मासन प्रतिमा विराजमान है। इनका शिलान्यास 11 अगस्त 1997 को किया गया । तीर्थ परिसर में ागवान शांतिनाथ, कुन्थनाथ व अरहनाथ की अष्टधातु की 11-11 फीट की मूर्तियां है। ागवान बाहुबी की अष्टधातु की प्रतिमा ाी यहां स्थापित है। 1 मार्च 1998 को औषधालय का शिलानयास किया गया। ाोलनशला का शिलानयास 11 अगस्त 1997 को किया गया, जिसमें एक साथ दो हजार व्यक्ति बैठ सकते हैं।