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राजस्थान में यहां 15 साल बाद फिर जलमग्न हुए कुंड, लोगों में दौड़ी खुशी की लहर; ऐसे बदली तस्वीर

अमृतं जलम् अभियान: राजस्थान पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान में शहर के प्राचीन कुंडों में खुदाई और सफाई से 15 वर्ष बाद मोरिया बालाजी कुंडों में पानी आ जाने से शहरवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई

टोंक

Anil Prajapat

Aug 10, 2025

Moriya-Balaji-Kund
मोरिया बालाजी कुंड में आया पानी। फोटो: पत्रिका

निवाई। राजस्थान पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान में शहर के प्राचीन कुंडों में खुदाई और सफाई से 15 वर्ष बाद मोरिया बालाजी कुंडों में पानी आ जाने से शहरवासियों में खुशी की लहर दौड़ गई और लोग प्राचीन कुंडों को पानी लबालब देखने के लिए उमड़ रहे है।

मोरिया बालाजी के मंहत सौरभदास स्वामी ने बताया कि पांच जून को राजस्थान पत्रिका के पत्रिका के अमृतं जलम् अभियान के दौरान युवाओं, महिलाओं और गणमान्य लोगों द्वारा शहर की प्राचीन धरोहर माने जाने वाले मोरिया बालाजी कुंडों में भरे कचरे को बाहर निकाल कर खुदाई की थी जिससे इस वर्ष पंद्रह सालों बाद ठंडे व गर्म पानी के कुंडों में पानी की अच्छी आवक हुई।

अनदेखी के चलते सूखे गए थे कुंड

निवाई शहर की पहचान ठंडे व गर्म पानी के कुंडों की प्राचीनकाल से बनी हुई है। लेकिन प्रशासन की अनदेखी के चलते शहर की प्राचीन धरोहर कुंड रख रखाव और सफाई व खुदाई एवं मरम्मत नहीं करवाने से सूख गए थे जिनमें लोग घरों का कचरा डाल रहे थे।

अमृतं जलम् अभियान से बदली तस्वीर

लेकिन अमृतं जलम् अभियान में लोगों ने कड़ा श्रमदान किया। श्रमदान के दौरान मोरिया बालाजी कुंडों से टनों में कचरा और मिट्टी बाहर निकाली। जिससे अपनी पहचान खो चुके प्राचीन ठंडे व गर्म पानी के कुंड पुन: अपने स्वरूप में लौट आए।

पानी से लबालब पवित्र कुंडों की 101 दीपकों से महाआरती

मंगलवार को मंदिर पुजारी बजरंग दास महाराज के सान्निध्य में कुंडों की मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की गई। तथा पवित्र कुंडों से जल भरकर मोरिया बालाजी और शिव पंचायत का मंत्रोच्चार के साथ जलाभिषेक किया गया। बालाजी की आकर्षक झांकी सजाई गई। शाम को पानी से लबालब पवित्र कुंडों की 101 दीपकों से महाआरती की गई।

इस दौरान रामफूल शर्मा, इन्द्रा वैष्णव, अनिल नोहटा, गोविंद शर्मा, अशोक पारीक, मदनलाल सैनी, माया सैन, संगीता, स्वाति सहित सैकड़ों लोग मौजूद थे। मोरिया बालाजी मंदिर के मंहत सौरभदास ने बताया कि पत्रिका समूह का सहयोग निवाई शहर के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है।