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राम राजा लोक के पास बुलडोज़र एक्शन, हाईकोर्ट से स्टे हटते ही तोड़ी गई दुकानें

mp news: ओरछा के राम राजा लोक निर्माण को लेकर प्रशासन ने हाईकोर्ट से स्टे हटते ही मंदिर परिसर की निजी दुकानों पर बुलडोज़र चलाकर कार्रवाई शुरू की।

ram raja lok Bulldozer action enroachment orchha high court mp news
ram raja lok Bulldozer action enroachment orchha high court (फोटो सोर्स- Patrika.com)

mp news: टीकमगढ़ में राम राजा लोक निर्माण के लिए मंदिर परिसर में बनी निजी दुकानों एवं आवासों से काम तेजी से नहीं हो पा रहा है। यहां पर कुछ आवास एवं दुकानों के मामले हाईकोर्ट में लंबित हैं। ऐसे में यहां पर बीच परिसर में बनीं चार दुकानों को प्रशासन ने सोमवार सुबह जमींदोज कर दिया। प्रशासन का कहना है कि हाईकोर्ट से इन दुकानों का स्टे हटा दिया गया था। वहीं पक्षकार इसे गलत कार्रवाई बता रहे हैं, उनका कहना है कि कोर्ट ने स्टे हटाया था, दुकान तोड़ने का आदेश नहीं था। मामला अभी विचाराधीन है।

यहां समझे पूरा मामला

विश्व प्रसिद्ध राम राजा सरकार की नगरी ओरछा में सरकार राम राजा लोक (Ram Raja Lok) का निर्माण करा रही है। यहां पर मंदिर परिसर को 12 एकड़ में विस्तार दिया जा रहा है। इसके लिए लगातार काम जारी है। लेकिन मंदिर परिसर के बीच में और मछली दरवाजे से लगी जमीन खसरा नंबर 457 का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इस खसरा नंबर में कई दुकानें एवं आवास आ रहे हैं। परिसर के साथ ही टकसाल के पीछे पड़ने वाले इन आवास और दुकानों के कारण यहां पर काम नहीं हो पा रहा है।

तड़के पहुंचा प्रशासन, तोड़ दी दीवारें

सोमवार की सुबह 6 बजे मंदिर परिसर में बनी दुकानों को प्रशासन ने तोड़ दिया। (Bulldozer action)यहां पर संतोष पटेरिया और उनके चचेरे भाई मुकेश की दुकानें थी। इसमें भोजनालय का संचालन किया जाता था। तहसीलदार सुनील वाल्मीकि का कहना है कि हाईकोर्ट से स्टे हटाने के बाद यह कार्रवाई की गई है। इसके लिए पक्षकार को बाकायदा नोटिस देकर समय दिया गया था।

गलत जानकारी देकर स्टे हटाया

वहीं इस मामले में संतोष पटेरिया का कहना है कि उनका कोर्ट में किराया जमा कराने का मामला था और वह लोग पीढ़ियों से इस जगह पर काबिज हैं। ऐसे में प्रशासन ने हाईकोर्ट (MP High Court) में गलत जानकारी देकर स्टे हटवाया है। संतोष पटेरिया का कहना है कि कोर्ट ने इस मामले में स्टे हटाया था, न कि दुकानें तोडने के निर्देश दिए थे। इस मामले में वह फिर से कोर्ट की शरण लेंगे।