Preah Vihear Shiva Temple :"शिव सर्वत्र हैं…" ये बात यूहीं नहीं कही जाती है। हजारों साल पुराने शिव मंदिर की बात करने जा रहे हैं जो भारत में नहीं बल्कि, किसी दूसरे देश में स्थित है। और, इस शिव मंदिर के लिए दो देश जमकर कानूनी लड़ाई लड़े। चलिए, सावन के महीना में इस रहस्यमयी महादेव के मंदिर के बारे में रोचक बातों को जानते हैं। भगवान शिव का ये प्राचीन और भव्य मंदिर भारत से हजारों किलोमीटर दूर, कंबोडिया में मौजूद है।
प्रीह विहियर मंदिर (Preah Vihear Temple), जो भगवान शिव को समर्पित है। यह कंबोडिया और थाईलैंड की सीमा पर एक ऊंची पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह मंदिर न केवल धार्मिक नजर से खास है, बल्कि इतिहास, वास्तुकला से भी गहरा संबंध रखता है। यही वजह है की इसे यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज (UNESCO) में शामिल किया गया है।
प्रीह विहियर मंदिर करीब 1000 साल पुराना है। इसे खमेर साम्राज्य के समय बनवाया गया था, जब हिन्दू धर्म वहां की संस्कृति में शामिल था। यह मंदिर एक ऊंची पहाड़ की चोटी पर स्थित है, जिस से इसके चारों तरफ का नजारा बहुत की सुंदर दिखाई देता है। मंदिर की वास्तुकला और बनाने की तकनीक बारीक और भव्य है। हर पत्थर पर उस समय की कला और शिल्प की गहराई देखने को मिलती है। यह मंदिर भारत के बाहर शिव भक्ति का एक ऐसा अद्भुत उदाहरण है, जो आज भी दुनिया को भारतीय संस्कृति की गहराई को सबके सामने लाता है।
प्रीह विहियर मंदिर को लेकर थाईलैंड और कंबोडिया के बीच कई वर्षों तक विवाद चला, क्योंकि यह दोनों देश की सीमा पर स्थित है। दोनों देशों ने इस मंदिर पर अपना-अपना दावा किया।
इस विवाद को सुलझाने के लिए मामला 1962 में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) यानी अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पहुंचा। अदालत ने फैसला सुनाया कि यह मंदिर कंबोडिया की सीमा में आता है, और इस पर कंबोडिया का अधिकार है।
हालांकि फैसले के बाद भी क्षेत्रीय तनाव बना रहा और 2011 में यह मामला दोबारा ICJ में गया, जहां 2013 में कोर्ट ने एक बार फिर साफ किया कि मंदिर और उसके आसपास का मुख्य क्षेत्र कंबोडिया का हिस्सा है, और थाईलैंड को वहां से अपनी सेना हटानी पड़ी।
(ये खबर पत्रिका डिजिटल के साथ इंटर्न कर रही प्रज्ञा मिश्रा ने लिखा है। खबर को संपादन के बाद प्रकाशित किया गया है।)
Updated on:
25 Jul 2025 12:32 pm
Published on:
17 Jul 2025 05:37 pm