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3.76 लाख लोगों की तीन बार थर्मल स्क्रीनिंग

सरकारी प्रयास: कोरोना से वलसाड जिले को मुक्त करने का प्रयास Government effort: attempt to liberate Valsad district from Corona

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सूरत

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Sunil Mishra

Sep 09, 2020

वापी. वलसाड जिले में वापी तहसील में सबसे ज्यादा व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हुए हैं। हालांकि पिछले कुछ दिनों से कोरोना के केस कम हो रहे हैं। आरोग्य विभाग ने समय रहते कोरोना के मरीजों का पता लगाने के लिए तहसील में 3.76 लाख लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग का काम पूरा किया है। वापी में कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज सामने आने के बाद आरोग्य विभाग ने घर-घर सर्वे शुरू किया था। तीन माह में स्वास्थ्यकर्मियों ने शहरी, ग्रामीण और औद्योगिक विस्तार में 3.76 लाख लोगों की तीन माह में सात बार स्क्रीनिंग की गई। इसका उद्देश्य कोरोना का लक्षण पता कर समय रहते उपचार शुरू करना था। स्क्रीनिंग के दौरान शंकास्पद लक्षण वाले व्यक्ति को अस्पताल भेजा जाता है। रोजाना इसकी रिपोर्ट भी तैयार होती है। तहसील में अभी तक कुल 3786 एन्टीजन टेस्ट किया गया। इसमें से 155 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। हाल के दिनों में एसओपी के अनुसार उद्योगों में कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के लिए सर्वेलन्स टीम भी गठित की गई है। तालुका आरोग्य अधिकारी डॉ. संदीप नायक के अनुसार इसका असर दिख रहा है और धीरे-धीरे तहसील में कोरोना के मामले कम हो रहे हैं। आरोग्य विभाग के अनुसार तहसील में घर बैठे उपचार, 60 वर्ष से अधिक उम्र के मरीजों को घर बैठे दवा पहुंचाना, 18 धन्वंतरी रथ, 15 विशेष टीम और 98 पीएसची की टीम लगातार सर्वे कर रही है।

करीब दस प्रतिशत श्रमिक ही लौटे
लॉकडाउन में काम धंधा बंद होने के बाद अपने गृहराज्य चले गए श्रमिक अब वापस लौटने लगे हैं। हालांकि कितने श्रमिक अभी तक लौटे हैं इसका कोई आधिकारिक आंकड़ा स्वास्थ्य विभाग के पास नहीं है। लेकिन तालुका स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार करीब गांव गए श्रमिकों में से करीब दस प्रतिशत श्रमिक ही लौटे हैं। उन्होने यह भी कहा कि वापस लौटे लोगों को होम क्वारंटाइन का समय पूरा होने पर ही काम पर जाने की अनुमति है। लेकिन हकीकत यही है कि इन दिनों गांव से आने वालों को कहीं क्वारंटाइन नहीं किया जा रहा है और आने के दूसरे दिन से ही कंपनियों में काम पर जा रहे हैं। कंपनी संचालकों को यह बात मालूम होने के बावजूद वे भी इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को कोई जानकारी देने से बचते हैं। कई कंपनियों में श्रमिकों की मांग बढऩे पर वे ठेकेदारों पर दबाव डाल रहे हैं। ठेकेदार श्रमिक द्वारा श्रमिकों को वापस बुलाने पर यदि श्रमिक को जितने दिन क्वारंटाइन में रहना पड़ेगा, उतने दिन का वेतन ठेकेदार या कंपनी को देना पड़ेगा। इसलिए भी कंपनी व ठेकेदार वापस लौटने वाले श्रमिकों की जानकारी विभाग को नहीं देना चाहते हैं।