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बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की अवधि बढऩे से किसानों में नाराजगी

किसानों पर पडऩे पर असर पर चर्चा, रणनीति बनाई Discussed the impact on farmers, made a strategy

सूरत

Sunil Mishra

Sep 08, 2020

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की अवधि बढऩे से किसानों में नाराजगी
bulet train

बारडोली. गुजरात खेडूत समाज द्वारा कामरेज तहसील के घलुडी में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट पांच साल पीछे जाने के कारण किसानों पर क्या असर होगा। इस बात को लेकर चर्चा हुई। साथ ही आगे की रणनीति भी तय की गई।
मोदी सरकार का सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाले अहमदाबाद मुम्बई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को जापान की जीका कंपनी द्वारा 2023 तक पूरा करने की घोषणा की गई थी। बुलेट ट्रेन के लिए भूमि अधिग्रहण, पर्यावरण, किसानों को मुआवजा जैसे प्रश्नों को लेकर खेडुत समाज द्वारा पूर्व में भारत सरकार, जापान सरकार और जीका कंपनी को कई बार शिकायत की थी और कई बार आंदोलन भी किया गया था। किसानों की लड़ाई को देखते हुए जापान की जीका कंपनी ने अहमदाबाद - मुम्बई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में कई जगहों पर अच्छा मुआवजा भी दिया था। इस प्रोजेक्ट को 2023 में पूरा करना था लेकिन अब इस प्रोजेक्ट की अवधि बढ़ाकर 2028 कर दी गई है। किसानों में इसको लेकर विरोध है। प्रोजेक्ट पांच वर्ष पीछे चले जाने से किसानों पर क्या असर होगा इसको लेकर चर्चा की गई। इस बैठक में उपस्थित गुजरात खेडूत समाज के वकील याग्निक ने किसानों को प्रोजेक्ट देरी से पूर्ण होने पर किसानों पर क्या असर होगा, इस बात लेकर विस्तार से जानकारी दी। बुलेट ट्रेन के साथ साथ वडोदरा मुम्बई एक्सप्रेस वे के जमीन अधिग्रहण की नीति को लेकर भी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए गए। शहर और ग्रामीण क्षेत्र में सरकार नियमों के मुताबिक भूमि अधिग्रहण नही किया जा रहा है। साथ ही इस प्रोजेक्ट में किसानों को काफी कम मुआवजा मिल रहा होने से किसानों में नाराजगी है। अगर अच्छा मुआवजा नहीं दिया गया तो किसानों ने आंदोलन की भी चेतावनी दी है।