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Trees fell on SECL quarters: तेज आंधी से पेड़ एसईसीएल के क्वार्टरों पर गिरे पेड़, मकान क्षतिग्रस्त, बाल-बाल बचे लोग

Trees fell on SECL quarters: आधी रात कुछ गिरने के आवाज सुनकर लोग घरों से निकल आए बाहर, देखा तो मकान पर गिरा था पेड़, रातभर घर से बाहर रहे लोग

Trees fell on SECL quarters
Trees fell on SECL quarters (Photo- Patrika)

बिश्रामपुर। एसईसीएल की कुमदा कॉलोनी में गुरुवार की रात तेज आंधी (Strong storm) की वजह से कई पेड़ आवासीय क्वार्टरों पर गिर गए। पेड़ गिरने (Trees fell on SECL quarters) से जहां एक ओर अफरा तफरी मच गई, वहीं विद्युत आपूर्ति भी बाधित हो गई। आधी रात आवासीय क्वार्टरों पर पेड़ गिरने से छतें क्षतिग्रस्त हो गई और लोग घरों से निकलकर बाहर आ गए। इस घटना में लोग बाल-बाल बच गए।

गौरतलब है कि गुरुवार की रात कुमदा कालोनी बी टाइप में स्थित मुनेश्वर मंडल, ग्रामीण बैंक के समीप मोहम्मद मोजीब के घर के ऊपर, पार्क कॉलोनी के पीछे सोनू के घर के सामने पेड़ टूटकर गिरने (Trees fell on SECL quarters) से लोग बाल बाल बच गए। सौभाग्य से कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन क्वार्टरों की छतें क्षतिग्रस्त हो गईं और कई लोगों की जान पर बन आई।

स्थानीय लोगों ने बताया कि पेड़ की जोरदार आवाज से नींद में सो रहे लोग घबरा कर बाहर भागे। एक पल तो लगा कि जैसे घर ही गिर गया हो। बच्चों को लेकर बाहर भागे और रात भर खुले में ही बैठना पड़ा।

बताया जा रहा है कि कुमदा कालोनियों के कई क्वार्टरों की छत पर पेड़ के गिरने (Trees fell on SECL quarters) से दीवारों में दरारें आ गई हैं। जिन घरों पर पेड़ गिरा, उन घरों में रह रहे परिवार पूरी तरह सहमे हुए हैं।

Trees fell on SECL quarters: महिला ने बताई आपबीती

एक परिवार की महिला सदस्य ने बताया कि हम तो पूरी तरह भगवान भरोसे थे, अगर पेड़ थोड़ा इधर गिरता तो सब खत्म हो जाता। पेड़ों के गिरने (Trees fell on SECL quarters) से बिजली के तार भी क्षतिग्रस्त हो गए। कॉलोनी में पूरी रात बिजली आपूर्ति बंद रही, जिससे लोगों को भारी असुविधा हुई। बिजली आपूर्ति बाधित होने से पेयजल की सप्लाई तक बाधित हो गया।

वर्षों पुराने पेड़ों की नहीं होती छंटाई

लोगों का आरोप है कि कुमदा कॉलोनी में वर्षों पुराने पेड़ों (Trees fell on SECL quarters) को लेकर कई बार शिकायत की गई थी। लेकिन न तो पेड़ों की छंटाई की गई और न ही सुरक्षा को लेकर कोई कदम उठाए गए। हर बार शिकायत के बाद अधिकारी खानापूर्ति करते हैं और फिर चुप हो जाते हैं।

अगर समय रहते पेड़ काट दिए गए होते, तो यह हादसा टल सकता था। कॉलोनीवासियों ने मांग की है कि पेड़ों की तत्काल छंटाई व जोखिम वाले पेड़ों की कटाई कराई जाए, कॉलोनी की जर्जर क्वार्टरों की मरम्मत कराया जाए।