
फाइल फोटो पत्रिका
Rajasthan : पंजाब की सीमा से सटे इस इलाके में अब युवाओं के सपनों की उड़ान सात समंदर पार जा रही है। यहां के युवाओं में विदेश जाकर बसने की चाह इतनी बढ़ गई है कि हर साल करीब 20 हजार पासपोर्ट आवेदन आ रहे हैं। इनमें से 90 फीसदी युवा वर्ग के हैं।
श्रीगंगानगर के गांवों में अगर किसी घर के बाहर नई कार खड़ी है या किसी मकान पर ताजा पेंट चमक रहा है, तो लोग फौरन कह देते हैं, ‘विदेश में बेटा अच्छा कमा रहा होगा।’ परदेस की चमकती गलियों का खुमार यहां के युवाओं पर इस कदर चढ़ा है कि अब पढ़ाई खत्म करते ही पासपोर्ट और वीजा सेंटर की कतार में लगना जैसे एक नया ‘करियर रूटीन’ बन गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के सीमित अवसर, विदेशी आकर्षण और सोशल मीडिया पर सफलता की कहानियां इस प्रवृत्ति को हवा दे रही हैं। लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि अब घरवाले त्योहारों और पारिवारिक आयोजनों में मोबाइल पर ही बच्चों को देख पाते हैं।
फिर भी, युवाओं के लिए विदेश जाना अब केवल सपना नहीं, बल्कि ‘सेट लाइफ’ की दिशा में पहला कदम बन चुका है।
Published on:
02 Nov 2025 09:54 am
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