सूक्ष्म सिंचाई योजना में बदलाव , प्रदेश में सीकर सहित नौ जिलों में लागू होंगे बदलाव
भूमिगत जल स्तर में गिरावट और सिंचाई के पानी के अधिकतम सदुपयोग के लिए प्रदेश में सूक्ष्म सिंचाई योजना में बदलाव किए गए हैं। योजना के तहत अब किसान बाजार में मोलभाव करके संयंत्र खरीद सकेगा। वहीं सूक्ष्म सिंचाई संयंत्र लगाने पर किसान के पास 0.2 हैक्टेयर भूमि होनी चाहिए। अनुदान योजना के लिए डीलर की बजाए संयंत्र निर्माता ही सीधे किसान को बिल जारी करेंगे। बिल का भुगतान डीलर की बजाए सीधे संयंत्र निर्माता को ही भुगतान किया जाएगा। योजना में मिलने वाली अनुदान राशि किसान के खाते में ट्रांसफर होगी। जिससे योजना में पारदर्शिता आएगी। फिलहाल यह बदलाव सीकर, नागौर, जालौर, जयपुर, अलवर, झालावाड़, बाडमेर, जोधपुर, सवाई माधोपुर, सिरोही जिले में शुरूआती चरण में योजना के तहत केवल 20 प्रतिशत किसानों के आवेदनों पर लागू किया जाएगा। अगले चरण में यह बदलाव प्रदेश के सभी जिलों में शत प्रतिशत लागू किए जाएंगे। जबकि पहले योजना के तहत भुगतान डीलर को किया जाता था। किसान केवल कृषक हिस्सा राशि देता था। जिससे किसान को उसको मिलने वाले अनुदान की पूरी जानकारी नहीं मिल पाती थी।
जारी किए लक्ष्य
संयुक्त निदेशक उद्यान सीकर खंड शिवजीराम कटारिया ने बताया कि कृषि विभाग की ओर से प्रदेश में तीन लाख पचास हजार हैक्टेयर में मिनी स्प्रिंकलर, बूंद बूंद सिंचाई संयंत्र लगाए जाएंगे। योजना के तहत सीकर जिले में 20225 हेक्टैयर का लक्ष्य दिया गया है। 2515 ड्रिप संयंत्र और 7936 मिनी स्प्रिंकलर और 9776 फव्वारा संयंत्र लगेंगे। योजना में ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर और स्प्रिंकलर के लिए लघु एवं सीमांत किसान को 75 प्रतिशत, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति महिला को 75 प्रतिशत व सामान्य किसान को 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।
Published on:
26 Jun 2025 11:16 am