प्रदेश के लाखों किसानों को अब बैंकिंग सेवाओं के लिए शहर या कस्बों में नही जाना पड़ेगा। वजह सरकार ने ग्राम सेवा सहकारी समितियों (जीएसएस) को मिनी बैंक के रूप में विकसित करने का फैसला लिया है। इसके तहत प्रदेश में करीब सात हजार से ज्यादा सीकर जिले की 262 सहकारी समितियों को ऑनलाइन बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा जा रहा है। अच्छी बात है कि जिले में ढाई सौ से ज्यादा ग्राम सेवा सहकारी समितियों में डेटा व दस्तावेज अपलोड हो चुके हैं। जल्द ही क्षेत्रों के सदस्य किसानों को जमा, निकासी, ऋण, बीमा और अन्य बैंकिंग सेवाएं उनकी अपनी समिति पर ही मिलने लगेगी। इससे न केवल समय की बचत होगी, वहीं बैंकों में लगने वाली लंबी कतारों और बार-बार चक्कर काटने से भी मुक्ति मिलेगी।
केन्द्र सरकार की योजना के तहत प्रत्येक ग्राम सेवा सहकारी समिति पर कप्यूटर, प्रिंटर, ग्राम सेवा सहकारी समितियों के ऑनलाइन होने से सदस्य किसानों को कोर बैंकिंग सिस्टम का लाभ मिलने लगेगा।
जिससे कहीं भी बैठा किसान सहकारी समितियों से ही बैंकिंग, क्रेडिट कार्ड, ऋण और बीमा सेवा का लाभ ले सकेगा। वहीं समितियों पर पासबुक की प्रिटिंग की मशीन और माइक्रो एटीएम की सुविधा होने से किसानों को अपने खाते की पूरी जानकारी मिल सकेगी। वहीं अगले चरण में किसान को गांव में ही आधार अपडेशन, ऑनलाइन जमाबंदी, पैनकार्ड, किसान समान निधि की इकेवाईसी, पंजीयन व पानी बिजली के बिल जमा करवाने की सुविधा मिलने लगेगी।
ग्राम सेवा सहकारी समितियों को ऑनलाइन किया जा रहा है। जिले में 258 समितियों में दस्तावेजों को ऑनलाइन किया जा चुका है। जल्द ही सुविधा शुरू होने से जिले के सवा लाख से ज्यादा किसानों को फायदा होगा। इसके अलावा बैंक के कामों में भी पारदर्शिता बढ़ जाएगी। साथ ही ऑनलाइन कार्यों के जरिए समिति की आय में इजाफा होगा। भंवर सुरेन्द्र सिंह एमडी, सहकारी बैंक
Updated on:
30 Jun 2025 11:23 am
Published on:
30 Jun 2025 11:22 am