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रोडवेज में टिकट लेकर बैठें, वीडियोकॉल से होगी चैकिंग

राजस्थान रोडवेज की बस में टिकट लिए बिना सफर करवाना यात्री के साथ चालक व परिचालक पर गाज गिरने का कारण बन सकता है। वजह रोडवेज मुख्यालय ने घाटे को पूरा करने और राजस्व रिसाव को रोकने के लिए चैकिंग व्यवस्था में बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत रोडवेज में स्टॉफ की कमी को […]

rajasthan raodways
Photo- Patrika Network

राजस्थान रोडवेज की बस में टिकट लिए बिना सफर करवाना यात्री के साथ चालक व परिचालक पर गाज गिरने का कारण बन सकता है। वजह रोडवेज मुख्यालय ने घाटे को पूरा करने और राजस्व रिसाव को रोकने के लिए चैकिंग व्यवस्था में बदलाव किया है। इस बदलाव के तहत रोडवेज में स्टॉफ की कमी को देखते हुए वीडियो कॉल के जरिए ऑन द स्पॉट बसों की जांच व्यवस्था शुरू की है। अच्छी बात है कि इससे लंबी दूरी की बसों की जांच में आसानी होगी। स्टाफ की कमी के कारण रोडवेज सभी बसों की भौतिक जांच नहीं कर पाता है, लेकिन वीडियो कॉल के माध्यम से एक ही दिन में कई बसों की निगरानी की जा सकेगी। इससे राजस्व हानि को भी रोका जा सकेगा। इस नए सिस्टम से रोडवेज प्रशासन डिपो से निकलने वाली हर बस की निगरानी कर सकेगा। इसे देखते हुए वीडियो कॉलिंग से ऑन द स्पॉट बसों की जांच व्यवस्था लागू की गई है। वहीं रोडवेज में स्टाफ की कमी के चलते सभी बसों की नियमित चैकिंग नहीं हो पाती है। इसे देखते हुए प्रत्येक डिपो के मुख्य प्रबंधक, प्रबंधक संचालन, प्रबंधक यातायात, प्रबंधक प्रशासन को इस नए तरीके से भी बसों पर निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।

गिनेंगे यात्री, लेंगे फीडबैक व रेकार्ड

राजस्व को बढ़ाने के लिए शुरू नई व्यवस्था की प्रदेश स्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी। इसके लिए संबंधित बस के परिचालक को वीडियो कॉल किया जाएगा। इसके जरिए बस में मौजूद यात्रियों की संख्या गिनने के साथ परिचालक की ईटीएम मशीन के रेकार्ड का मिलान किया जाएगा। बस में मौजूद यात्रियों से चर्चा कर टिकट और बस की साफ-सफाई और कर्मचारियों के व्यवहार के बारे में भी फीडबैक लिया जाएगा। रोडवेज मुख्यालय का मानना है कि नियमित तौर पर चलने वाली फ्लाइंग व्यवस्था में कई बार खर्च की तुलना में नाममात्र का जुर्माना लग पाता है।

बदलाव किया है...

मुख्यालय के निर्देश के बाद बसों की चैकिंग व्यवस्था में बदलाव किया गया है। इससे डिपो से निकलने वाली सभी बसों की चैकिंग हो सकेगी। वहीं यात्रियों का फीडबैक मिलने से चालक-परिचालक के व्यवहार व बस में मेंटिनेंस संबंधी सुधार करवाए जा सकेंगे। यह व्यवस्था निगम के साथ यात्रियों के लिए भी फायदेमंद है।

दीपक कुमावत, मुख्य प्रबंधक, रोडवेज डिपो सीकर