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Good initiative : 9 वीं की छात्रा बनी एक दिन की कलक्टर

कलक्टर बोले, बच्चों को ऐसा मौका देने से सिविल सेवाओं में आगे बढऩे का प्रोत्साहान मिलेगा बच्चों को भविष्य का बेहतर नागरिक बनाने की पहल के तहत केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी के करैकल जिला प्रशासन की ओर से सरकारी स्कूल की 9वीं की छात्रा पी. लिथिया श्री को गुरुवार को एक दिन के लिए जिले […]

कलक्टर बोले, बच्चों को ऐसा मौका देने से सिविल सेवाओं में आगे बढऩे का प्रोत्साहान मिलेगा


बच्चों को भविष्य का बेहतर नागरिक बनाने की पहल के तहत केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी के करैकल जिला प्रशासन की ओर से सरकारी स्कूल की 9वीं की छात्रा पी. लिथिया श्री को गुरुवार को एक दिन के लिए जिले का कलक्टर बनाया गया। करैकलमेडु के मछुआरा समुदाय से आने वाली यह लड़की 18 जुलाई को जिला कलक्टर डी. मणिकंठन के साथ विभिन्न बैठकों और निरीक्षणों में शामिल हुई।

गौरतलब है कि भाषण कौशल, ईमानदारी और आत्मविश्वास आदि गुणों के मूल्यांकन के माध्यम से चयनित होने के बाद लिथिया श्री ने मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) पी. विजयमोहन, स्कूल शिक्षा के उप निदेशक एम. राजेश्वरी और करैकल प्रशासन के अधिकारियों की मौजूदगी में ‘एक दिन के कलक्टर’ के रूप में जिले का कार्यभार संभाला।


हर महीने दो विद्यार्थी बनेंगे कलक्टर
इस पहल की शुरुआत करने वाले कलक्टर मणिकंठन ने कहा कि विद्यार्थियों को 'एक दिन का कलक्टर' बनाने का उद्देश्य उन्हें भविष्य का बेहतर नागरिक बनाना है। इस पहल से विद्यार्थी जिला प्रशासन के कार्यों, हमारी शिकायत निवारण प्रणाली और विकास कार्यों के हमारे अध्ययन के बारे में भी जानेंगे। इसके अलावा यह कदम उन्हें सिविल सेवाओं में आगे बढ़ने के लिए भी प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत हर महीने कम से कम दो विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें 'एक दिन का कलक्टर' बनाया जाएगा।

सुनीं मछुआरों की समस्याएं
गौरतलब है कि लिथिया के कार्यभार संभालने के बाद, करैकलमेडु के पंचायत प्रतिनिधियों ने कलक्टर से मुलाकात कर अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के तहत मछली पकड़ने वाले समुदाय के लोगों को फिर से वर्गीकृत करने जैसी याचिकाएं प्रस्तुत कीं। इसके बाद वास्तविक कलक्टर मणिकंठन ने अनुरोधों पर कलक्टर लिथिया से परामर्श किया। एक दिन के कार्यकाल के दौरान लिथिया ने मणिकंठन के साथ तिरुनल्लर में भगवान धरबरनेश्वर मंदिर के पास स्थित नालन कुलम तालाब का निरीक्षण किया और किसानों की शिकायत निवारण बैठक में भाग लिया। अपना अनुभव साझा करते हुए लिथिया ने कहा कि निश्चित रूप से यह अनुभव मेरे लिए अत्यंत उपयोगी और प्रेरक था।