जयपुर। झुर्रियां केवल उम्र बढ़ने से नहीं आतीं। हर रेखा और सिलवट के पीछे एक वैज्ञानिक कारण छिपा होता है। जैसे-जैसे हमारी त्वचा बूढ़ी होती जाती है, वह शारीरिक तनाव (फिजिकल स्ट्रेस) को संभालने में कमजोर होती जाती है, जिससे उसमें सिकुड़न और झुर्रियाँ आ जाती हैं। अब तक वैज्ञानिक इसके कई कारण बताते थे—जैसे अनुवांशिकता (genetics), सूरज की किरणों से नुकसान या कोलेजन और इलास्टिन जैसे प्रोटीन की कमी। लेकिन अब तक इन बातों को इंसानी त्वचा पर वैज्ञानिक रूप से नहीं परखा गया था।
त्वचा की असली प्रतिक्रिया को समझा
न्यूयॉर्क की बिंघैम्पटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने असली मानव त्वचा के नमूनों पर प्रयोग कर यह समझने की कोशिश की कि उम्र के साथ त्वचा में असल में क्या बदलाव होते हैं।
क्या पता चला?
जब त्वचा को एक दिशा में खींचा जाता है, तो वह दूसरी दिशा में सिकुड़ जाती है। और जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, यह सिकुड़न भी बढ़ती जाती है। जब यह सिकुड़न बहुत ज्यादा हो जाती है, तो त्वचा पर झुर्रियाँ बन जाती हैं।
अब ये सिर्फ थ्योरी नहीं, बल्कि सच्चाई है, ऐसा कहना है रिसर्चर प्रोफेसर गाइ जर्मन का, जो इस शोध का नेतृत्व कर रहे थे।
उन्होंने इसकी तुलना एक पुराने हुडी (hoodie) से की—जैसे पुराना कपड़ा धीरे-धीरे खिंच जाता है और अपनी शेप खो देता है, वैसे ही त्वचा का भी हाल होता है।
झुर्रियाँ क्यों और कैसे बनती हैं?
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, त्वचा का खिंचाव और सिकुड़न समान रूप से नहीं होता। युवा त्वचा में ये गुण संतुलित रहते हैं, लेकिन उम्र के साथ त्वचा "अनियंत्रित" (wonky) हो जाती है। प्रोफेसर गाइ जर्मन के अनुसार, बुजुर्ग त्वचा साइड में ज्यादा फैलती है, जिससे उसमें असमान तनाव पैदा होता है और झुर्रियाँ बनने लगती हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि त्वचा कभी भी पूरी तरह तनावमुक्त नहीं होती, यानी आराम की स्थिति में भी उस पर अंदरूनी खिंचाव रहता है, जो झुर्रियां बनने की संभावना को और बढ़ा देता है।
एक आसान उदाहरण से समझें
प्रोफेसर जर्मन ने समझाया कि अगर आप 'सिली पुट्टी' (Silly Putty) जैसी चीज़ को खींचते हैं, तो वह एक ओर लंबी होती है लेकिन दूसरी ओर सिकुड़ जाती है। यही प्रक्रिया हमारी त्वचा के साथ होती है। उम्र के साथ यह सिकुड़न इतनी बढ़ जाती है कि त्वचा मुड़ने लगती है और झुर्रियाँ आ जाती हैं।
धूप से नुकसान और त्वचा की उम्र
धूप में ज्यादा वक्त बिताने से त्वचा तेजी से बूढ़ी हो सकती है। प्रोफेसर जर्मन कहते हैं कि जो लोग बाहर काम करते हैं, उनकी त्वचा ऑफिस में काम करने वालों की तुलना में जल्दी बूढ़ी हो जाती है।
उन्होंने सलाह दी कि – "गर्मियों का पूरा आनंद लें, लेकिन सनस्क्रीन लगाना न भूलें, ताकि भविष्य की आपकी त्वचा आपकी आभारी रहे।"
भविष्य की त्वचा देखभाल के लिए रास्ता खुला
यह शोध अब तक के कई अनुमानों को वैज्ञानिक रूप से साबित करता है। पहली बार, असली त्वचा के नमूनों से यह दिखाया गया है कि त्वचा में सिकुड़न के कारण झुर्रियाँ कैसे बनती हैं।
अब यह जानकारी भविष्य में सौंदर्य और चिकित्सकीय उपचारों के नए तरीके खोजने में मदद कर सकती है—जैसे कि त्वचा को तनाव से कैसे बेहतर तरीके से निपटने लायक बनाया जाए।
यह अध्ययन “Journal of the Mechanical Behavior of Biomedical Materials” नामक वैज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
Published on:
24 Jul 2025 05:34 pm