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शेखावाटी विश्वविद्यालय के कुलगुरु व रजिस्ट्रार के बीच आयुक्तालय की ओर से कार्य व्यवस्थार्थ लगाए अधिकारियों को लेकर विरोधाभास

कुलगुरु प्रो. अनिल राय ने 14 जुलाई को पूर्व में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत अधिकारियों को यथावत रखने के लिए लिखा था पत्र - रजिस्ट्रार ने 25 जुलाई को लिखा लिखा विश्वविद्यालय के मूल पदों के विरुद्ध ऐसी बाहरी कार्य व्यवस्था नियुक्तियों का कोई प्रावधान नहीं

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सीकर. आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा राजस्थान जयपुर की ओर से शेखावाटी विश्वविद्यालय, सीकर में तीन सहायक आचार्यों को कार्य व्यवस्थार्थ लगाए जाने का मामला अब विवाद का रूप ले चुका है। सहायक आचार्य रामसिंह सरावग, कन्हैयालाल जांगिड़ और डॉ. रामचरण मीणा को यूनिवर्सिटी प्रशासन ने शुक्रवार को भी ज्वाइन नहीं करवाया है। शेखावाटी विश्ववि्दयालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. अनिल राय और रजिस्ट्रार श्वेता यादव ने मात्र 12 दिन में ही उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग व आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा विरोधाभासी पत्र भेजे हैं। ऐसे में दोनों के पत्र वायरल हो रहे हैं। वहीं आयुक्तालय के लिखित आदेश के बावजूद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्राध्यापक डॉ. अरिंदम बासु, डॉ. रविंद्र कुमार कटेवा को कार्यमुक्त नहीं किया है। विश्वविद्यालय में कार्य व्यवस्थार्थ परीक्षा नियंत्रक के पद पर लगे डॉ. अरिंदम बासु ने शुक्रवार को आदेश जारी कर विभागों में यूजी, पीजी व पीजी डिप्लोमा कोर्सेज में प्रवेश के लिए परीक्षा 30 जुलाई को करवाने का आदेश जारी किया है। ऐसे में राज्य सरकार के आदेशों की सरेआम अवहेलना की जा रही है।

12 दिन पहले ही कुलपति ने जताई थी कार्य मजबूरी-

शेखावाटी विश्ववि्दयालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. अनिल राय ने 12 दिन पहले ही 14 जुलाई को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, राजस्थान सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। पत्र में उल्लेख किया गया था कि यूनिवर्सिटी में नियमित अधिकारियों एवं कार्मिकों की भर्ती प्रक्रियाधीन है। वर्तमान में कोई भी नियमित अधिकारी कार्यरत नहीं है। उन्होंने लिखा कि वर्तमान में विश्वविद्यालय में प्राध्यापक डॉ. अरिंदम बासु, डॉ. रविंद्र कुमार कटेवा, डॉ. संजीव कुमार व डॉ. राजेंद्रसिंह प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत हैं। ये यूनिवर्सिटी में विभिन्न विभागों जैसे परीक्षा, प्रशासन, सम्बद्धता, शोध, खेल पुस्तकालय आदि का लगभग संपूर्ण कार्य संभाल रहे हैं। शेखावाटी विश्वविद्यालय में करीब 555 संबद्धता प्राप्त कॉलेज हैं, इनमें करीब 3.25 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। कुलगुरु प्रो. राय ने यह भी लिखा कि अभी महाविद्यालयों के संबद्धता का कार्य व सेमेस्टर की लिखित एवं प्रायोगिक परीक्षाएं चल रही है। वर्तमान में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कार्मिकों का आचार व्यवहार एवं कार्य करने की प्रणाली से संतुष्ट हैं।

रजिस्ट्रार कमिश्नर कोपत्र लिखा -

दूसरी आरे शेखावाटी विश्वविद्याल की रजिस्ट्रार श्वेता यादव ने 25 जुलाई को आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा राजस्थान जयपुर के कमिश्नर को पत्र लिखा है। पत्र में लिखा है कि यूनिवर्सिटी कॉलेज शिक्षा आयुक्तालय के अनुरोध के अनुसार कार्य व्यवस्था के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति की अनुमति नहीं दे सकती। विश्वविद्यालय अधिनियम, क़ानून या अध्यादेशों में विश्वविद्यालय के मूल पदों के विरुद्ध ऐसी बाहरी कार्य व्यवस्था नियुक्तियों का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने लिखा कि विश्वविद्यालय ने न तो ऐसी नियुक्तियों का अनुरोध किया है और न ही इसकी आवश्यकता है। खासकर जब मूल पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया वर्तमान में चल रही है और भर्ती पूरी होने वाली है। चालू वित्तीय वर्ष के लिए स्वीकृत बजट में ऐसी कार्य व्यवस्थाओं के लिए वेतन भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है। शेखावाटी विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. अनिल राय व रजिस्ट्रार को कई बार फोन व मैसेज किए लेकिन उन्हाेंने कोई जवाब नहीं दिया।