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एसएफआई ने छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी में किया उग्र प्रदर्शन, प्रशासनिक भवन का चैनल गेट तोड़ा

- यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एसएफआई की ओर से चैनल गेट तोड़ने के मामले में कमेटी गठन करने का निर्णय लिया

सीकर. स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की मांग को लेकर सोमवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय शेखावाटी यूनिवर्सिटी, सीकर में आक्रोश जताते हुए प्रशासनिक भवन का चैनल गेट तोड़ डाला। एसएफआई पदाधिकारियाें व कार्यकर्ता प्रशासनिक भवन के बाहर सीढ़ियों पर बैठ गए। छात्राें ने तीन घंटे से अधिक समय तक धरना दिया और रजिस्ट्रार श्सेता यादव ने विद्यार्थियों के बीच आकर ज्ञापन लिया। गौरतलब है कि इससे पहले पूर्व कुलगुरु भगीरथसिंह बिजारणियां के कार्यकाल में भी एसएफआई ने चैनल गेट तोड़ा था।

यूनिवर्सिटी प्रशासन पर छात्र हितों को कुचलने का आरोप-

एसएफआई कार्यकर्ताओं ने छात्रसंघ चुनाव की मांग के साथ ही स्थायी भर्ती करवाने, यूनवर्सिटी में हाॅस्टल चालू करने, शैक्षणिक फीस कम करने सहित विभिन्न मुद्दों को लेकर उग्र प्रदर्शन किया। एसएफआई कार्यकर्ताओं ने सुबह करीब 11 बजे मुख्य गेट से लेकर यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक भवन के अंदर जाने का प्रयास किया लेकिन चैनल गेट पर ताला लगा हुआ था। छात्र-छात्राओं ने चैनल गेट तोड़ दिया और प्रशासनिक भवन की सीढ़ियों पर बैठकर धरना देने लगे। एसएफआई प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र ढ़ाका ने आरोप लगाया कि पूरा यूनिवर्सिटी प्रशासन अपनी मनमर्जी कर रहा है और छात्र हितों को कुचल रहा है। ढाका ने कहा कि यदि छात्र-छात्राओं की मांगें पूरी नहीं हुई तो कुलगुरु को यूनिवर्सिटी में घुसने नहीं देंगे।

यूनिवर्सिटी में एक-एक ईंट में छात्रों का पैसा लगा-

एसएफआई के अखिल भारतीय उपाध्यक्ष सुभाष जाखड़ ने बताया कि ये विश्वविद्यालय इसका इतना बड़ा भवन इसमें लगी एक-एक ईंट का पैसा शेखावाटी के आम विद्यार्थी का लगा है। यही विश्वविद्यालय आज विद्यार्थियों से बड़ी फीस वसूलने का काम कर रहा है। प्रोफेशनल कोर्स के नाम पर मोटी फीस इस विश्वविद्यालय ने निर्धारित की। है एक आम किसान आम मजदूर परिवार का विद्यार्थी इनका वहन करने में सक्षम नहीं है। इसलिए विश्वविद्यालय से हमारी लड़ाई इस बात की है की इन तमाम कोर्सेज की फीस सरकारी कोर्सेज के बराबर रखी जाए, जिससे शेखावाटी का आम विद्यार्थी अच्छी शिक्षा ग्रहण कर सके। वहीं विद्यार्थी की आजादी के लिए जो छात्र संघ चुनाव होते हैं। सरकार के द्वारा उन्हें बंद कर दिया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि छात्रों की आवाज को दबाया जा रहा है। एसएफआई का विद्यार्थी यह कभी स्वीकार नहीं करेगा। अगर समय रहते राज्य सरकार छात्रसंघ चुनाव की घोषणा नहीं करता है तो पूरे प्रदेश में एसएफआई व्यापक आंदोलन करेगा।

विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप-

एसएफआई प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज गुर्जर ने आरोप लगाया कि ये विश्वविद्यालय का पूरा का पूरा प्रशासन भ्रष्टाचार में लिप्त है। इनको विद्यार्थियों के लिए किसी भी प्रकार की कोई सूझबूझ नहीं है। यह प्रशासन पूर्ण रूप से अपनी मनमानी दिख रहा है। शेखावाटी का विद्यार्थी चुप रहने वालों में से नहीं है और वह डटकर इन सब का मुकाबला करेगा। इस दौरान एसएफआई के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुभाष जाखड़, प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र ढाका, प्रदेश उपाध्यक्ष पंकज गुर्जर, आर्ट्स कॉलेज अध्यक्ष राजू बिजारणियां, झुंझुनूं जिलाध्यक्ष आशीष पचार, सीकर जिलाध्यक्ष महिपाल गुर्जर, जिला सचिव राकेश मुंवाल, साइंस कॉलेज अध्यक्ष संदीप नेहरा ,छात्र सब कमेटी जिला अध्यक्ष गरिमा भास्कर ,विश्वविद्यालय इकाई अध्यक्ष रेखा सैनी, इकाई सचिव दिनेश चौधरी, मोरारका कॉलेज छात्रसंघ महासचिव साहिल कुरेशी, सुनील गोदारा, अभिषेक महला , आकाश धनकर, गोपाल बागड़ी सहित अनेक साथी रहे।

कमेटी तय करेगी क्या करना है-

विश्वविद्यालय के असिस्टेंट रजिस्ट्रार (परीक्षा) डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी के रिसर्च डायरेक्टर व अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) डॉ. राजेंद्रसिंह के सानिध्य में एक कमेटी बनाई जाएगी। कमेटी के निर्णय के आधार पर ही एफआईआर करवाने या कानूनी कार्रवाई का निर्णय लिया जाएगा।